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देश के बड़े संसाधनों पर सायरबर अटैक का खतरा बीते कुछ समय से लगातार देखा जा रहा. सायबर अटैक से न सिर्फ बड़ा नुकसान होता है बल्कि देश की सुरक्षा में भी सैंधमारी होती है. इसलिए केद्र सरकार ने देश के पावर ग्रिड को और अधिक सुरक्षित करने की मुकम्मल तैयारी कर ली है. केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने गुरुवार को जानकारी देते हुए कहा कि सायबर अटैक के खतरे को देखते हुए इलेक्ट्रिसिटी (संशोधन) बिल 2022 में पावर ग्रिड के निरीक्षण का एक अलग प्रावधान शामिल किया गया है। गौरतलब है कि इस पॉवर ग्रिड से देश भर में इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई होती है और इस महत्वपूर्ण पावर ग्रिड को सायबर अपराधियों ने पिछले साल ही निशाना बनाने की कोशिश की थी। आपको बता दें कि पावर मिनिस्ट्री को इस नेटवर्क पर अटैक करने वालों के बारे में जानकारी है और इस वजह से ही नियमित जांच का प्रावधान किया जा रहा है।
पहले भी हो चुका है पावर ग्रिड पर अटैक
आपको बता दें कि देश के पावर ग्रिड पर इसी साल अप्रैल में चीन के हैकर्स ने सायबर अटैक कर लद्दाख के पास इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर को निशाना बनाने की कोशिश की थी। हालांकि, समय रहते ही उस सायबरअटैक को ब्लॉक कर दिया गया था। इससे पहले भी लद्दाख में इलेक्ट्रिसिटी नेटवर्क हैकर्स के निशाने पर रहा था। इतना ही नहीं ये सायबर क्रिमिनल कई बार सरकारी वेबसाइट्स को भी निशाना बना चुके हैं।
पावर मिनिस्ट्री को मिल रहा था इनपुट
सायबर क्रिमिनल देश के पावर ग्रिड पर हमला कर सकते हैं इसको लेकर केंद्रीय पावर मिनिस्ट्री को लगातार संबंधित इनपुट मिल रहे थे. केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने इस बारे में बताया कि पावर ग्रिड की सिक्यौरिटी को देखते हुए केंद्र सरकार ने सायबर अटैक से बचाने के लिए पावर ग्रिड की सुरक्षा को बढ़ाने की पहल की है। इसलिए पावर ग्रिड की नियमित जांच का प्रावधान किया जा रहा है। इसके लिए इस विधेयक के तहत अधिनियम की धारा 26 में संशोधन किया जाएगा।
ग्रिड की रेगुलर जांच जरूरी
बिजली मंत्री आरके सिंह ने जानकारी देते हुए कहा, हम सेंट्रल लोड डिस्पैच सेंटर को मजबूत बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं, क्योंकि हमारे पास एक महत्वपूर्ण ग्रिड है और यदि सायबर अटैक या किसी अन्य प्रकार की समस्या होती है तो इससे पूरा ग्रिड सिस्टम बंद हो सकता है। इसको ध्यान में रखते हुए पावर ग्रिड की नियमित जांच का प्रावधान जारी किया गया है। आपको बता दें कि थोड़े समय पहले ही चीन के हैकर्स ने पावर ग्रिड पर अटैक कर लद्दाख के निकट वाले इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर को निशाना बनाने की कोशिश की थी। हालांकि इस सायबर अटैक को ब्लॉक कर दिया गया था। इससे पहले भी इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर को निशाना बनाने की कोशिशें होती रही हैं।
हमले से पहले रूस ने किया था यूक्रेन पर सायबर अटैक
बात अगर पिछले बड़े सायबर अटैक की करें तो रूस ने यूक्रेन पर हमला करने से पहले एक बड़ा सायबरअटैक किया था। इसमें यूक्रेन सरकार की कई वेबसाइट्स को हैक किया गया था। इस बारे में सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने जानकारी दी थी। माइक्रोसॉफ्ट ने इस साइबर हमले की जानकारी देते हुए बताया था कि यूक्रेन की सरकारी एजेंसियों के कई कंप्यूटर्स में मैलवेयर पहुंचाया गया था।
Source : Arun Kumar
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