मंहगे स्टेंट बेचने वाले अस्पतालों के खिलाफ नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग ऑथोरिटी (एनपीपीए) कार्रवाई नहीं करेगी अगर अस्पताल मरीजों के पैसे लौटा देते हैं। ड्रग प्राइस रेगुलेटर एनपीपीए ने ट्वीट कर कहा, 'अगर अस्पताल मरीजों को पैसे लोटा देते हैं तो यह मामला खत्म हो जाता है। जबतक की नई शिकायत नहीं मिल जाती है।'
पिछले दिनों एनपीपीए ने को दो अस्पतालों के खिलाफ महंगे स्टेंट बेचने की शिकायत मिली थी।
NPPA ने कहा, 'स्टेंट की अधिक कीमत लेने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी अगर वह मरीजों को डिमांड ड्राफ्ट मिलने से पहले पैसे लौटा देते हैं। '
एनपीपीए के अनुसार हरियाणा के रोहतक के ऑक्सीजन अस्पताल और देहरादून के भारत हार्ट इंस्टीच्यूट के खिलाफ महंगे स्टेंट बेचने की शिकायत मिली। इस पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
एनपीपीए की ओर से गुरूवार को बताया गया था कि मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल, चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर हॉस्पिटल, दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल, फरीदाबाद के मेट्रो हॉस्पिटल और बरेली के राम मूर्ति हॉस्पिटल के खिलाफ जांच की जा रही है। इन तमाम अस्पतालों पर महंगे स्टेंट बेचने की शिकायतें मिली हैं।
स्टेंट क्या है
दिल के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले कोरोनरी स्टेंट की कीमत 85 फीसदी घटाई गई है। अब स्टेंट करीब 7 हजार से 31 हजार रुपए के बीच मिलती है। पहले इनकी कीमत 45 हजार से 1.21 लाख रुपए तक थी। हालांकि कई ऐसी शिकायतें आई है जहां अस्पताल महंगे दामों पर स्टेंट बेच रहे हैं।
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Source : News Nation Bureau