कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु का पुलकेशीनगर विधानसभा क्षेत्र बुधवार को किसी युद्ध क्षेत्र जैसा दिखाई पड़ा. कांग्रेस विधायक के एक रिश्तेदार की ओर से कथित तौर पर सोशल मीडिया पर ‘सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील’ एक पोस्ट लिखे जाने के बाद उग्र भीड़ ने खूब बवाल किया और वाहनों को आग लगा दी. इसे लेकर देश की बहस में एनआरआई अवि दांडिया ने कहा कि दंगाइयों का कोई धर्म नहीं होता है.
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एनआरआई अवि दांडिया ने न्यूज नेशन से कहा कि मैं पिछले 6 साल से बोल रहा हूं कि अमेरिका में अपने देश का नाम खराब हो रहा है. आपके युवा के पास काम नहीं है जिसका इस्तेमाल वो ऐसी गतिविधियों के लिए ही करते हैं. चाहे पीएफआई हो चाहे बजरंग दल हो ये सभी राजनीतिक दलों के पाले हुए लोग हैं. उन्होंने आगे कहा कि चाहे कोई धर्म हो, लेकिन देश में किसी भी हाल में दंगे नहीं होने चाहिए. धर्म की आड़ में जो दंगे करता है उसे बिलकुल नहीं छोड़ना चाहिए. दंगे सिर्फ भारत में ही नहीं कई देशों में होते हैं.
अवि दांडिया के सवालों का जवाब देते हुए RAW के पूर्व अफसर आरएसएन सिंह ने कहा कि क्या अमेरिका में दंगे नहीं हुए थे. अभी जो अमेरिका में दंगे हुए थे तब तुम्हारी आंखें बंद थीं, राष्ट्रपति को वहां फोर्स बुलानी पड़ी थी. तुम्हारे अमेरिका में जब दंगे हुए थे तब तुम नहीं बोलने आए. आप हिन्दुस्तान को गाली दोगे, आप कैसे बोला कि यहां पर हल्ला गुल्ला होता है. आप लोग देश की छवि खराब कर रहे हो.
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आरएसएन सिंह ने आगे कहा कि मुझे इस बात पर कोई हैरानी नहीं हुई है जब पीएफआई ने इंडिपेंडेंस-डे के आसपास ये काम किया है. इनका इतिहास ही ऐसा रहा है कि ये स्वतंत्रता दिवस या फिर गणतंत्र दिवस पर देश में हंगामा करते हैं. ये ग्लोबल जिहाद को छुपाने के लिए अपने नाम को अंग्रेजी में रखते हैं ताकि कोई इन्हें पहचान न सके.
Source : News Nation Bureau