जम्मू एवं कश्मीर में 10 हजार जवानों की अतिरिक्त तैनाती के साथ ही सेना को भी अलर्ट कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि कश्मीर में किसी बड़े अभियान की तैयारी है. सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की घाटी की यात्रा से लौटने के दो दिन बाद केंद्र ने राज्य में 10 हजार अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात करने का फैसला किया है. कश्मीर में आतंकी इस समय कमजोर पड़ने लगे हैं, जिस पर निर्णायक चोट की तैयारी है.
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राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के नेतृत्व में कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ बड़े अभियान की तैयारी की जा रही है. कश्मीर से लौटने के बाद भी डोभाल लगातार शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि दक्षिणी कश्मीर में आतंक प्रभावित इलाकों में अगले महीने बड़ा अभियान चलेगा. अर्धसैनिक बलों को भी उन्हीं क्षेत्रों में भेजे जाने की सूचना है. दरअसल, कश्मीर में सेना के आक्रामक रुख से आतंकी संगठनों में भर्ती तेजी हुई, लेकिन उसी के साथ सुरक्षा बलों की कार्रवाई भी तेज हुई है. नतीजा यह है कि नए बने आतंकी भी ज्यादा समय तक बच नहीं पा रहे हैं.
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इस साल 31 मई तक मारे गए करीब 100 आतंकियों में 50 ऐसे थे जिन्होंने इसी साल आतंक की राह थामी थी. यह दर्शाता है कि आतंकी बौखलाए हुए हैं. वहीं, नए आतंकी भी हाथ के हाथ मारे जा रहे हैं. इस पर सरकार चोट कर भर्ती के इस चक्र को तोड़ना चाहती है. कश्मीर में अर्धसैनिक बलों की तैनाती को लेकर दो और बातें भी कही जा रही है. एक तर्क यह है कि खुफिया एजेंसियों की तरफ से खबर मिली है कि आईएसआई (ISI) की मदद से पाकिस्तानी आतंकी समूह कश्मीर में बड़े हमले की तैयारी में हैं, जिससे निपटने के लिए वहां अतिरिक्त तैनाती की गई है.
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दूसरी तरफ जिस प्रकार से कश्मीर में अलगाववादी नेताओं के सुर बदले हैं, उससे यह भी अटकलें तेज हुई हैं कि केंद्र सरकार कश्मीर में धारा 35ए या परिसीमन को लेकर निर्णय कर सकती है. इसलिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है कि ताकि विरोध प्रदर्शन से स्थिति को बिगड़ने से रोका जाए. हालांकि, इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
Source : News Nation Bureau