China ने एक बार फिर भारत के NSG में प्रवेश को लेकर लगाया अड़ंगा

चीन ने शुक्रवार को कहा कि भारत की न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में प्रवेश को लेकर चर्चा नहीं हो सकती.

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yogesh bhadauriya
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China ने एक बार फिर भारत के NSG में प्रवेश को लेकर लगाया अड़ंगा

पीएम मोदी संग शी जिनपिंग (फाइल फोटो)

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पड़ोसी देश चीन ने एक बार फिर से भारत के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल होने के मुद्दे पर अड़ंगा लगा दिया है. चीन ने शुक्रवार को कहा कि भारत की न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में प्रवेश को लेकर तब तक चर्चा नहीं हो सकती, जब तक समूह में परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के गैर सदस्य देशों की भागीदारी को लेकर स्पष्ट योजना तैयार नहीं की जाती है.

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इससे पहले भी भारत ने मई 2016 में एनएसजी की सदस्यता के लिए अपील की लेकिन चीन लगातार कह रहा है कि परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर करने वाले देशों को ही संगठन में शामिल किया जाए. एनएसजी में 48 सदस्य देश हैं. यह वैश्विक परमाणु कारोबार का नियमन करता है. भारत और पाकिस्तान ने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किया है. हालांकि, भारत के अर्जी देने पर 2016 में पाकिस्तान ने भी एनएसजी की सदस्यता की अर्जी लगा दी.

एनएसजी में भारत के प्रवेश के समर्थन को लेकर पूछे गए सवाल पर चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि इस पर कोई चर्चा नहीं हुई. लू ने कहा कि हम भारत के प्रवेश को नहीं रोक रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजिंग ने सिर्फ इतना कहा है कि एनएसजी के नियमों और प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए.

परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) में भारत के हस्ताक्षर ना होने की वजह से चीन भारत की मांग को मानने से इनकार करता रहा है. एनपीटी में हस्ताक्षर करने वाले देश सिर्फ ऊर्जा जरूरतों के लिए ही यूरेनियम का इस्तेमाल कर सकते हैं.

दरअसल, किसी देश को एनएसजी का हिस्सा बनाने के लिए सभी 48 सदस्य देशों में आम सहमति बनना जरूरी है. ऐसे में अकेले चीन की असहमति भी भारत के एनएसजी में शामिल होने में रुकावट पैदा कर रही है.

एनएसजी के सदस्य देश आपस में आसानी से परमाणु व्यापार कर सकते हैं. परमाणु शक्ति होने के नाते भारत इस संगठन में शामिल होने की मांग करता रहा है. अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश भारत की मांग का समर्थन करते हैं.

संस्थापक देशों के अलावा सिर्फ फ्रांस ही बिना एनपीटी में हस्ताक्षर किए एनएसजी में शामिल किया गया है. भारत सरकार का तर्क रहा है कि अगर फ्रांस को बिना शर्त एनएसजी में शामिल किया गया तो हमें भी संगठन का हिस्सा बनाया जा सकता है.

Source : News Nation Bureau

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