नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने शनिवार को केंद्र सरकार के खिलाफ 'नौकरी दो या डिग्री वापस लो' अभियान शुरू किया. यहां कांग्रेस मुख्यालय में एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने अभियान की शुरुआत की. कुंदन ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि एनएसयूआई के अभियान का मुख्य उद्देश्य सरकार की असलियत की ओर इशारा करना है, जिसे युवाओं को रोजगार देने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
उन्होंने कहा, हम बेरोजगार छात्रों की पांच लाख डिग्री एकत्र करेंगे. इसके जरिए सरकार को प्रचुर सबूत उपलब्ध कराए जाएंगे और इससे देश के युवाओं से बेरोजगार लोगों का वास्तविक आंकड़ा छिपाने में लगी केंद्र सरकार की असलियत सामने आएगी. एनएसयूआई के महासचिव नागेश करिअप्पा ने भी कहा कि युवा सशक्तीकरण और रोजगार सृजन सरकार का सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य होना चाहिए.
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उन्होंने कहा, भारत में एक बड़ी चुनौती युवाओं की पीढ़ी के लिए संगठित क्षेत्र में काम का अभाव है. जैसा कि सरकार जनता के सामने जो कुछ भी पेश कर रही है, वह सच्चाई नहीं है. इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. करिअप्पा ने कहा, सबसे चौंकाने वाला हिस्सा यह है कि देश में बेरोजगारी दर 45 साल में सबसे अधिक है. एनएसयूआई ने यह भी कहा कि 2014 में, भाजपा ने हर साल दो करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने का वादा किया था और अब, यह आंकड़ा 12 करोड़ तक पहुंच गया है.
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एनएसयूआई प्रमुख ने कहा, इन्होंने देश के युवाओं को धोखा दिया. राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2017-18 में बेरोजगारी दर बढ़कर 6.1 प्रतिशत हो गई, जो 2011-12 में 2.2 प्रतिशत थी.
Source : IANS/News Nation Bureau