नोटबंदी की चौथी वर्षगांठ पर एनएसयूआई जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन

विरोध प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा, आज नोटबंदी को चार वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन देश आज भी इसका दुष्परिणाम भुगत रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक गलत फैसले के कारण आज पूरे देश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है.

author-image
Ravindra Singh
New Update
nsui protest against notban

एनएसयूआई का प्रदर्शन( Photo Credit : आईएएनएस)

Advertisment

नेशनल स्टूडेंट युनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने नोटबंदी की चौथी वर्षगांठ पर अर्थव्यवस्था एवं नोटबंदी की अर्थी जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने ये विरोध-प्रदर्शन एनएसयूआई मुख्यालय से जंतर मंतर तक किया. मौके पर मौजूद पुलिस ने विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं और एनएसयूआई अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया गया.  विरोध प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा, आज नोटबंदी को चार वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन देश आज भी इसका दुष्परिणाम भुगत रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक गलत फैसले के कारण आज पूरे देश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है. जिसका खामियाजा इस देश का युवा एवं छात्र वर्ग भुगत रहे हैं.

कार्यकर्ताओं ने कहा , नोटबंदी की वजह से देश में उपजी बेरोजगारी के कारण आज भी देश के कुछ घरों में चूल्हा नही जलता है तथा जिन्होंने अपने परिवार को खोया, वह लोग आज भी सदमें में है, एनएसयूआई इस सबके लिए सीधे-सीधे मोदीजी को जिम्मेदार ठहराती है.

यह भी पढ़ें-नोटबंदी के 4 साल पूरे, राहुल गांधी ने बताया राष्ट्रीय त्रासदी, पीएम मोदी पर किया वार

'नोटबंदी' या 'नोटबदली'
आपको बता दें कि साल 2016 में 8 नवंबर की रात 12 बजे के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने 500 और 1,000 रुपए के नोटों का टेंडर रद्द कर दिया था. पीएम मोदी ने इन नोटों की जगह 500 और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए थे. अगर हम एक तकनीकी तौर पर बात करें तो ये 'नोटबंदी' नहीं, बल्कि 'नोटबदली' थी. पीएम मोदी के इस कदम से देश के एक अरब से अधिक लोग प्रभावित हुए थे. साल 2016 में पीएम मोदी के लिए गए इस फैसले को देश के इतिहास में सबसे ज्यादा असर डालने वाले आर्थिक नीतिगत फैसले के तौर पर जाना जाएगा. 

यह भी पढ़ें-BJP नेता का दावा- नोटबंदी के समय सूरत में हुआ था 2 हजार करोड़ का घोटाला

देशवासियों पर हुआ था नोटबंदी का ये असर
पीएम मोदी के नोटबंदी के ऐलान के बाद देश में नकदी का संकट आ गया था लोग पैसे निकालने के लिए बैंकों में लंबी-लंबी लाइनें लगाकर खड़े थे. देश के करोड़ो परिवारों के पास नकदी का संकट आ गया था. कितनी शादियां रद्द कर दी गईं, छोटे दुकानदारों को नकदी संकट के चलते अपनी दुकानें बंद करनी पड़ीं इसके अलावा देश की आर्थिक गतिविधियां भी बाधित हो गई थी. देश में नकदी का संकट खड़ा हो गया था. तत्कालीन स्टैंड अप कॉमेडियन देश में नकदी के हालात को लेकर नई नई पैरोडी बना रहे थे. देश का ऐसा माहौल इस वजह से भी था क्योंकि भारत 95 प्रतिशत ग्राहक लेन देन नकदी में ही होते हैं.

Source : News Nation Bureau

PM modi demonetisation note ban NSUI Protest 4th Anniversary of Demonetisation NSUI Protest on Jantar Mantar
Advertisment
Advertisment
Advertisment