पिछले कुछ वर्षों में भारत में साइबर हमलों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है और वर्तमान वर्ष में भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) द्वारा रिपोर्ट की गई और ट्रैक की गई कुल संख्या 12,67,564 (नवंबर तक) है, संसद को बुधवार को यह बताया गया. 2018 में ऐसी घटनाओं की संख्या 2,08,456 थी जो 2019 में बढ़कर 3,94,499, 2020 में 11,58,208 और 2021 में 14,02,809 हो गई, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक लिखित जवाब में लोकसभा को बताया.
उन्होंने कहा कि सीमा रहित साइबर स्पेस के साथ-साथ गुमनामी के साथ इंटरनेट का तेजी से विकास, साइबर हमलों में वृद्धि और साइबर सुरक्षा घटनाएं एक वैश्विक घटना है और सरकार विभिन्न साइबर सुरक्षा खतरों के प्रति पूरी तरह से जागरूक है. इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) को भारत में साइबर सुरक्षा घटनाओं पर नजर रखने और निगरानी करने का अधिकार है. हाल ही में अधिसूचित साइबर सुरक्षा निर्देश में, सीईआरटी-इन ने अब सभी घटनाओं को अनिवार्य रूप से रिपोर्ट करना अनिवार्य कर दिया है.
मंत्री ने कहा कि सीईआरटी-इन सभी क्षेत्रों के संगठनों के साथ उनके द्वारा सक्रिय रूप से खतरे को कम करने की कार्रवाई के लिए सक्रिय रूप से एकत्रित, विश्लेषण और साझा अलर्ट के लिए एक स्वचालित साइबर खतरा विनिमय मंच संचालित करता है. सीईआरटी-इन के विश्लेषण के अनुसार, इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) उन कंप्यूटरों के पते हैं जहां से हमले कई देशों से उत्पन्न हुए प्रतीत होते हैं.
जवाब में आगे कहा गया कि सरकार ने राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति 2013 को नागरिकों, व्यवसायों और सरकार के लिए एक सुरक्षित और लचीला साइबरस्पेस बनाने और साइबर स्पेस में सूचना और सूचना के बुनियादी ढांचे की रक्षा करने, साइबर खतरों को रोकने और प्रतिक्रिया करने के लिए क्षमताओं का निर्माण करने, कमजोरियों को कम करने और साइबर घटनाओं से नुकसान को कम करने की ²ष्टि से प्रकाशित किया है.
इसके अलावा, गृह मंत्रालय ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के बुनियादी ढांचे में सूचना सुरक्षा उल्लंघनों और साइबर घुसपैठ को रोकने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्रालयों के साथ-साथ राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को राष्ट्रीय सूचना सुरक्षा नीति और दिशानिर्देश जारी किए हैं.
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Source : IANS