जो आशंका थी वह सच साबित हुई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पांच मंत्री ऐसे भी रहे, जिन्हें शपथ दिलाने के दौरान राष्ट्रपति को टोकना पड़ा. गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में यह स्थिति आई. गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भाषा को लेकर सख्त माने जाते हैं. इसके पहले वह बिहार के राज्यपाल रहते हुए तेजस्वी यादव और बाद में बतौर राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को शपथ के दौरान गलत उच्चारण करने पर टोक चुके हैं.
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मनसुख और फग्गन 'मैं' लगाना भूले
इस कड़ी में गुरुवार को मनसुख मांडविया और फग्गन सिंह कुलस्ते पद और गोपनीयता की शपथ लेने के दौरान अपने नाम से पहले 'मैं' लगाना भूल गए. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तुरंत भूल सुधार कराया और दोनों मंत्रियों से दोबारा अपने नाम के साथ मैं जोड़ने को कहा. राष्ट्रपति यह कहते हुए सुने गए, 'मंत्री जी अपने नाम के साथ मैं लगाइए'. शपथ समारोह में राष्ट्रपति ने जिन दूसरे नेता से भूल सुधार कराया उनका नाम है फग्गन सिंह कुलस्ते. कुलस्ते मध्य प्रदेश की मंडला लोकसभा सीट से छठी बार जीते हैं. कुलस्ते को इस बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में जगह मिली है. वे पहले भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. कुलस्ते पार्टी का सबसे बड़ा आदिवासी चेहरा माने जाते हैं.
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नित्यानंद राय, रतन लाल कटारिया और किशन रेड्डी ने किया गलत उच्चारण
दो और मंत्री रहे जिन्हें राष्ट्रपति ने भूल सुधार कराया. बिहार से सांसद नित्यानंद राय जब शपथ ले रहे थे तब वे 'अक्षुण्ण' शब्द सही नहीं बोल पाए. राष्ट्रपति ने तुरंत उन्हें रोक कर अक्षुण्ण बोलने को कहा. इसके बात रतन लाल कटारिया भी पद और गोपनीयता की शपथ लेते वक्त गलती करते दिखे. वे अपने शपथ संबोधन में 'सभी प्रकार के लोगों' कहना भूल गए. राष्ट्रपति ने उन्हें रोक कर भूल सुधार कराया. इसी तरह किशन रेड्डी भी 'विधि' शब्द का सही उच्चारण नहीं कर सके थे.
HIGHLIGHTS
- फग्गन सिंह कुलस्ते और मनसुख मांडविया 'मैं' बोलान भूले.
- नित्यानंद राय 'अक्षुण्ण' शब्द सही नहीं बोल पाए.
- किशन रेड्डी भी 'विधि' शब्द का सही उच्चारण नहीं कर सके.
Source : News Nation Bureau