देश में डिजिटलीकरण अभियान के जोर पकड़ने के साथ ही वेब एप्लीकेशन के हमलों के शिकार देशों की वैश्विक सूची में भारत इस साल तीसरी तिमाही में सातवें स्थान पर पहुंच गया है।
बुधवार को जारी नई रपट में यह उजागर हुआ है, जो देश में एप्लीकेशन व अवसंरचनात्मक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आगाह करता करता है।
कटेंट डिलीवरी नेटवर्क, अकामई की ओर से प्रस्तुत 'तीसरी तिमाही में इंटरनेट की स्थिति की सुरक्षा रिपोर्ट(स्टेट ऑफ इंटरनेट क्यू 3 सिक्युरिटी रिपोर्ट)' के मुताबिक, जहां तक किसी देश से होने वाले साइबर हमले की बात है तो इस सूची में दूसरी तिमाही में भारत पांचवें स्थान से फिसलकर सातवें स्थान पर पहुंच गया है, क्योंकि हमलों में काफी इजाफा हुआ है। भारत से दो करोड़ से ज्यादा हमले हुए हैं।
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विश्व बैंक के अनुसार, भारत में 10,350 सुरक्षित सर्वर हैं, जबकि इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की तादाद 46 करोड़ 20 लाख है। जाहिर है कि डाटा को सपोर्ट करने के लिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी ढांचा) की जरूरत है।
रपट में पाया गया है कि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 2017 की तीसरी तिमाही में एप्लीकेशन के हमलों में 69 फीसदी का इजाफा हुआ।
वहीं पिछले साल की तुलना में इस साल अमेरिका से साइबर हमले में 217 फीसदी वृद्धि हुई है, जबकि पिछली तिमाही में उससे पूर्व की तिमाही के मुकाबले 48 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है।
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Source : IANS