ओडिशा सरकार ने भ्रष्टाचार के अलग-अलग मामलों में दोषी पाए गए छह अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया और उनकी पेंशन बंद कर दी. एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि राज्य सरकार ने आरोपों से घिरे दो अन्य अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेने का निर्देश दिया. इसमें कहा गया कि भ्रष्टाचार की गतिविधियों में उनकी कथित संलिप्तता के लिए अब सरकार को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है.
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मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जारी किए थे निर्देश
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करने की राज्य सरकारों की नीति के तहत यह निर्देश जारी किया था. सोमवार को छह अधिकारियों की बर्खास्तगी के बाद राज्य सरकार अगस्त 2019 से अब तक 74 अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोपों में सेवा से हटा चुकी है.
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15 भ्रष्ट अधिकारियों को जबरन किया जाएगा रिटायर
15 अन्य अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेने के लिए नोटिस जारी किया गया है. सोमवार को बर्खास्त किए गए अधिकारियों में ओडिशा पुल निर्माण निगम (ओबीसीसी) के पूर्व मुख्य अभियंता सुधीर कुमार ब्रजेंद्र नारायण और ओबीसीसी के वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक अरुण चरण परीदा शामिल हैं.
ग्रामीण विकास विभाग के दो पूर्व सहायक अभियंता - प्रमोद बेहेरा और ब्रजसुंदर पटनायक को भी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. सरकार ने राजस्व विभाग के दो निरीक्षकों - इस्वरी प्रसाद पुरोहित और अरुण कुमार पुरोहित को अनिवार्य सेवानिवृत्ति का नोटिस जारी किया है.
Source : Bhasha