ओडिशा के बालासोर हादसे में अब तक 275 यात्रियों की मौत हो चुकी है. वहीं करीब एक हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं. अब रेलवे के सामने सबसे बड़ी समस्या शव की शिनाख्त करना है. बताया जा रहा है कि जान गंवाने वालों में करीब 151 मृतकों की ही पहचान हो पाई है. शवों को इनके परिजनों तक पहुंचाया जा चुका है. करीब 124 मृतकों की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है. इन परिजनों तक सूचना पहुंचाने के लिए रेलवे कई तरह के प्रयास कर रही है. इन शवों को प्रिजर्व करने के लिए एम्स भुवेश्वर में रखा गया है. शवों की शिनाख्त को लेकर रेलवे ने एक सिस्टम तैयार किया है. इस सिस्टम के तहत रेलवे की ओर से मृतकों की तस्वीरें जारी की गई हैं. इसके साथ शव से मिले सामान को भी प्रदर्शित किया गया है.
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इसमें पर्स, लाइटर, पहचान पत्र, लॉकेट आदि को शव के साथ रखकर तस्वीरों को लिया गया है ताकि परिजन का चेहरा न पहचानने की सूरत में इन चीजों को देखकर अपने सदस्य को पहचान लें. अगर कोई अपने किसी परिजन को ढूंढ़ने का प्रयास कर रहा है तो वह एक लिंक पर जाकर तस्वीरों को देख सकता है. इस लिंक (Rail Accident Photos) को ओडिश सरकार द्वारा जारी किया गया है ताकि लोगों को अपने मृत परिजनों को खोजने में मदद मिल सके.
हादसे के 51 घंटे के बाद आवाजाही दोबारा शुरू
बालासोर रेल हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा किया जा चुका है. घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. मामूली चोट वालों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है. उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है. इसके साथ अप-डाउन रेलवे लाइन को दोबारा से बहाल किया गया है. रविवार को देर रात रेल मंत्री की मौजूदगी में एक मालगाड़ी को रवाना किया गया. इस हादसे के 51 घंटे बाद अब इस ऐरिया में ट्रेनों की आवाजाही को बहाल किया जा चुका है .
HIGHLIGHTS
- शवों को प्रिजर्व करने के लिए एम्स भुवेश्वर में रखा गया है
- शिनाख्त को लेकर रेलवे ने एक सिस्टम तैयार किया है
- डाउन रेलवे लाइन को दोबारा से बहाल किया गया है