अस्पताल प्रशासन का बेरहम चेहरा एक बार फिर सामने आया है। ओडिशा के कोरापुट में अस्पताल में भर्ती न किये जाने के कारण एक गर्भवती आदिवासी महिला ने सरकारी अस्पताल परिसर में ही बने नाले के पास बच्ची को जन्म दे दिया।
बताया जा रहा है कि अस्पताल ने महिला से भर्ती के लिए कुछ दस्तावेज की मांग की थी, जिसके नहीं मिलने पर अस्पताल ने कथित रूप से भर्ती करने से मना कर दिया था।
हालांकि शहीद लक्ष्मण नायक मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (एसएलएनएमसीएच) के अधिकारी ने अस्पताल में भर्ती न करने के महिला के आरोपों को खारिज कर दिया है।
इस घटना के बारे में खबर फैलने के बाद अस्पताल ने बच्चे को विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में और महिला की देखभाल के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया है। जहां अस्पताल के डॉक्टरों ने मां और बच्चे दोनों की स्थिति को स्थिर बताया है।
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महिला जनिगुडा गांव के दसमंतपुर ब्लॉक की रहने वाली है और वो अपनी मां, बहन के साथ अपने पति रघु मुदुली से मिलने आई थी। जो बुधवार को बुखार से पीड़ित होने की वजह से अस्पताल में भर्ती हुए थे।
महिला की मां गौरामानी मुदुली ने कथित रूप से आरोप लगाते हुई बताया कि इसी दौरान मेरी बेटी को प्रसव दर्द शुरू हो गया और हम उसे भर्ती कराने के लिए स्त्री रोग विभाग गए लेकिन अस्पताल ऑथॉरिटी ने भर्ती करने से मना कर दिया।
उन्होंने बताया कि 'चिकित्सा कर्मचारी ने मेरी बेटी को भर्ती करने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि हम जरूरी पर्चे और दस्तावेज नहीं लाये थे। उनके मना करने के बाद मेरी बेटी ने नाली के पास एक बच्ची को जन्म दे दिया।'
हालांकि कोरापुट के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी ललित मोहन रथ ने आरोप लगाया है कि 'महिला ने प्रकृति रूप से बच्चे को जन्म दिया है उसने चिकित्सीय जांच और भर्ती होने के लिए अस्पताल के किसी भी कर्मचारी से सम्पर्क नहीं किया था।'
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Source : News Nation Bureau