ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे के बाद सियासत गरमाई हुई है. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी शनिवार को घटनास्थल का जायजा लेने के लिए पहुंचीं. उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान की उपस्थिति में एक प्रेस वार्ता की. इस दौरान ममता ने बचाव कार्य को लेकर जानकारी ली. इसके साथ हादसें में 500 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका भी जताई. इस दावे पर तत्काल रेल मंत्री वैष्णव ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि अभी अधिकारिक आंकड़े सामने नहीं आए हैं. अब तक मरने वालों की संख्या 288 तक है.
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गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी शनिवार को ओडिशा में ट्रेन हादसे के बाद बचाव कार्य की जानकारी लेने के लिए मौके पर उपस्थित हुईं. उन्होंने प्रेसवार्ता में कहा कि यह इस सदी का सबसे बड़ा ट्रेन हादसा है. इसकी उचित जांच होना जरूरी है. इसके पीछे बड़ी साजिश की आशंका है. जल्द सच्चाई सामने आएगी.
ममता ने सवाल खड़े किए कि टक्कर-रोधी सिस्टम यहां पर काम क्यों नहीं करता है? उन्होंने कहा कि हादसे वाली ट्रेन कोरोमंडल एक्सप्रेस में टक्कर को रोकने वाला सिस्टम नहीं लगा था. जब वे रेल मंत्री थीं, तब उन्होंने ट्रेनों में टक्कर रोधी सिस्टम लगाने की कवायद शुरू की थी. इससे एक ही ट्रैक पर दौड़ रहीं ट्रेनें एक निश्चित दूरी पर रुक जाती थीं. उनका कहना था कि अगर इस तकनीक का उपयोग यहां पर किया जाता तो इस घटना को टाला जा सकता था.
रेल मंत्री ने आपत्ति जताई
ममता ने कहा कि यह राजनीति करने की वक्त बिल्कुल नहीं है. उन्होंने कहा कि वे यहां पर रेल मंत्री और सरकार के साथ खड़ी हैं. इस मामले की बेहतर तरह से जांच होनी चाहिए. हादसे में इतने लोग कैसे मरे. हालांकि संख्या को लेकर रेल मंत्री वैष्णव ने तुरंत आपत्ति जताई. ममता बोलीं कि अब रेल बजट नहीं आता है. रेलवे को मैं अपने बच्चे की तरह मानती हूंं. मैं अपने सुझाव देने को तैयार हूं. अगर गंभीर रूप से घायलों का इलाज यहां पर नहीं हो पा रहा तो वे मरीजों को कोलकाता ले जाने के लिए तैयार हैं.
HIGHLIGHTS
- कहा, यह इस सदी का सबसे बड़ा ट्रेन हादसा है
- इसकी उचित जांच होना जरूरी है: ममता
- अब तक मरने वालों की संख्या 288 है