सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों इंडियन आयल कार्पोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने सोमवार को कारोना वायरस की वजह से एलपीजी सिलेंडर घरों तक पहुंचाने वाले और गैस एजेंसी के दूसरे कर्मियों की मौत होने पर पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. तेल कंपनियों के बयान में कहा गया है कि देश में लॉकडाउन चल रहा है.
ज्यादातर लोग अपने घरों में कैद हैं. ऐसे में रसोई गैस सिलेंडर की बिना रुकावट उनके घरों तक आपूर्ति करने में गैस एजेंसियां और उनके सैकड़ों डिलवरी मैन लगे हुये हैं. देश में 27.5 करोड़ के करीब गैस सिलेंडर उपभोक्ता परिवार हैं. बयान में कहा गया है कि सिलेंडर की डिलीवरी करने वाले कर्मचारी और एलपीजी वितरक एजेंसियां तेल कंपनियों का स्टाफ नहीं हैं, हालांकि कंपनियां उन्हें जरूरी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराती हैं. लेकिन इसके बावजूद कोरोना वायरस की वजह से डिलीवरी श्रृंखला में लगे कर्मचारियों के लिये जोखिम बरकरार है. इस जोखिम को देखते हुये आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने अनुग्रह राशि की घोषणा की है.
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तेल कंपनियों ने कहा है कि गैस एजेंसी के शो-रूम का स्टाफ, गोदाम की देखभाल करने वाले कर्मचारी, मैकेनिक और सिलेंडर की आपूर्ति करने वाले डिलीवरी बॉय इस पूरी श्रृंखला में काम करने वालों में यदि किसी कि कोविड- 19 के संक्रमण अथवा इसके प्रभाव की वजह से मौत हो जाती है तो ऐसी परिस्थिति में उन्हें एक बारगी विशेष उपाय के तौर पर पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की जाती है.
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एलपीजी को आवश्यक उपभोक्ता वस्तु माना गया है और इसकी डिलीवरी को लॉकडाउन से अलग रखा गया है. ऐसे में गैस एजेंसियों के कर्मचारियों को इस काम में लगे रहना पड़ रहा है. उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने तेल कंपनियों की इस पहल का स्वागत करते हुये इसे लोकोपकारी कदम बताया.
Source : Bhasha