मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (PSA)के तहत मामला दर्ज किया गया है. इससे पहले कई अन्य नेताओं पर भी पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. जिसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का नाम भी शामिल है.
बता दें कि 5 अगस्त 2019 से एहतियाती तौर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किया गया है. गुरुवार यानी 6 फरवरी को इनपर जन सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. यानी इस कानून के तहत इन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है. इन्हें 3-6 महीने तक जेल में रखा जा सकता है.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम है. घाटी में अशांति नहीं फैले इसे लेकर अभी भी चौतरफा नजर रखी जा रही है. बधुवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय ने जानकारी दी कि अगस्त 2019 से 444 व्यक्तियों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत डिटेंशन आदेश जारी किए गए. वर्तमान में, पीएसए के तहत 389 व्यक्ति हिरासत में हैं.
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बता दें कि पब्लिक सेफ्टी एक्ट यानी सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम में बिना मुकदमे के किसी भी व्यक्ति को दो साल तक की गिरफ्तारी या नज़रबंदी की अनुमति देता है.