जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य प्रशासन को पत्र लिखकर सरकारी आवास को खाली करने के बारे में सूचित किया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि वह अक्टूबर महीने के आखिरी तक श्रीनगर में स्थित अपने सरकारी आवास को खाली कर देंगे. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले साल मीडिया में सामने आई बातों से विपरीत मुझे खाली होने का कोई नोटिस नहीं मिला और मैंने अपने हिसाब से ऐसा करने का विकल्प चुना है.
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पत्र में उमर अब्दुल्ला ने बताया, 'मुझे श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले पर संसद सदस्य के रूप में 2002 में हाउस जी -1 आवंटित किया गया था. 2008 में सीएम के रूप में मेरे चुनाव के बाद निकटवर्ती घर का जीर्णोद्धार किया गया था. जी -1 के साथ जी -5 के परिसर को अक्टूबर 2010 से आधिकारिक सीएम आवास के रूप में इस्तेमाल किया गया था. जनवरी 2015 में सीएम का हटने के बाद से मैं इस आवास पर रह रहा हूं. क्योंकि नियमों ने मुझे श्रीनगर या जम्मू में आवास बनाए रखने की अनुमति दी और मैंने श्रीनगर में आवास बनाए रखने का विकल्प चुना.'
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पूर्व सीएम पत्र में लिखा, 'कुछ महीने पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम के लिए पात्रता के परिवर्तन के परिणामस्वरूप, अब मैं खुद को इस आवास के अनधिकृत कब्जे में पाता हूं, क्योंकि सुरक्षा या अन्य आधारों पर मुझे आवंटन को नियमित करने का कोई प्रयास नहीं किया गया है.' उन्होंने लिखा, 'यह एक ऐसी स्थिति है, जो मेरे लिए अस्वीकार्य है. मैंने कभी भी किसी भी सरकारी संपत्ति पर कब्जा नहीं किया, जिसका मैं हकदार नहीं था और अब यहां रहना ठीक नहीं है.'
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जम्मू-कश्मीर प्रशासन को लिखे पत्र में उमर अब्दुल्ला ने बताया कि उन्होंने नए घर की तलाश शुरू कर दी है. लेकिन कोरोना वायरस काल में घर तलाशने में वक्त लग रहा है. उन्होंने कहा, 'मैं 8-10 हफ्तों में अपने लिए वैकल्पिक आवास ढूंढ लूंगा और उसी के अनुसार अपना सरकारी बंगला खाली करके सरकार को सौंप दूंगा.'
Source : News Nation Bureau