दक्षिण अफ्रीका में मिले नए वैरिएंट ने लोगों के बीच दहशत का माहौल बना दिया है. ओमिक्रॉन के मामले दूसरे दशों में पाए गए हैं. विशेषज्ञों का दावा है कि यह वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट से छह गुना ज्यादा ताकतवर है. कोरोना वायरस का नया वैरिएंट B.1.1.529 (ओमिक्रॉन) दुनिया के सामने बड़ी मुसीबत बनकर सामने आया है. WHO ने इसे लेकर चिंता व्यक्त की है और इसे 'वैरिएंट ऑफ कन्सर्न' के रूप में माना है. वैरिएंट को लेकर विशेषज्ञों का दावा है कि इस पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज थैरेपी का कोई असर नहीं होता है. इस वैरिएंट की ताकत और लक्षणों को लेकर बहुत सी नई बातें सामने आई हैं.
कितना खतरनाक है ओमिक्रॉन वैरिएंट
दक्षिण अफ्रीका समेत अन्य देशों में ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण का विश्लेषण करने के बाद इसे डेल्टा वैरिएंट से छह गुना अधिक संक्रामक माना जाता है. यह वैरिएंट इम्यून सिस्टम को भी चकमा दे सकता है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार ये वैरिएंट पिछले वैरिएंट से ज्यादा घातक है. इस पर इम्यून रिस्पांस बेअसर होता है. विशेषज्ञों के अनुसार, ओमिक्रॉन में वायरस का अब तक का सबसे अधिक म्यूटेंट वर्जन माना गया है. इतने सारे म्यूटेशन इससे पहले कभी भी एक वायरस में नहीं देखे गए हैं. यही कारण है कि नए वैरिएंट को लेकर वैज्ञानिक चिंतित हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले बीटा और डेल्टा वेरिएंट से ये आनुवांशिक रूप से अलग है, मगर इस बात की अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं है कि ये जेनेटिक बदलाव अधिक खतरनाक बनाते हैं या नहीं.
कैसे हैं ओमिक्रॉन इंफेक्शन के लक्षण
दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले ओमिक्रॉन वैरिएंट की पहचान करने वाली डॉक्टर एंजेलीके कोएट्जी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने इस तरह के लक्षण सबसे पहले कम उम्र के एक शख्स में देखे थे जो तकरीबन 30 साल का था. उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि मरीज को बहुत अधिक थकान रहती थी. उसे गले में खराश भी थी. हालांकि उसे न तो खांसी थी और न ही गंध और स्वाद में कोई कमी थी. अधिकांश लोगों में इसके लक्षण कैसे होंगे, इसे लेकर उन्होंने कोई स्पष्ट दावा नहीं किया है। डॉक्टर ने बताया कि जब कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति के पूरे परिवार की जांच की गई तो सभी सदस्य संक्रमण की चपेट में आ चुके थे. हालांकि सभी संक्रमितों में इसके बहुत कम ही लक्षण नजर आ रहे थे. डॉक्टर ने बताया कि गंभीर लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया है. वहीं कम गंभीर वाले मरीजों को इलाज के लिए घर पर ही रहने को कहा गया है.
Source : News Nation Bureau