भारत-चीन सीमा विवाद (Indo china land dispute) का असर अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है. इसका सीधा असर अब बाजार पर पड़ने लगा है. भारत में जहां चीनी सामानों (Chinese goods) बहिष्कार बड़े स्तर पर किया जा रहा है. सभी वर्ग के लोगों ने इस मुहिम में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. वहीं चीन के खिलाफ मोदी सरकार ने भी बड़ा कदम उठाया है. भारत ने चीन पर डिजिटल स्ट्राइक करते हुए 59 चीनी मोबाइल एप बैन कर दिए हैं. भारत के युवाओं में इन ऐप का क्रेज था और डिजिटल मार्केट पर बड़ा कब्जा था. हालांकि इसके बाद अब कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत विपक्ष के कई ऐसे नेता हैं, जिन्होंने इस ऐप की टाइमिंग और चिन्हित ऐप पर सवाल खड़े किए हैं.
-@rsprasad why is Alibaba not on the ban list ?
— Manish Tewari (@ManishTewari) June 30, 2020
Is it because of the @Paytm connection?
With this ban are you also certifying that other Chinese APP’s are not a security threat ? https://t.co/ji1M2a6XCO
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जो लोग VPN से बैन ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनका क्या?
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने ट्वीट करते हुए कहा कि रविशंकर प्रसाद जी, क्या आपने चीनी ऐप बैन पर पूरा विचार किया? ऐसे में दो सवाल हैं कि जो लोग VPN से बैन ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनका क्या? और दूसरा लाखों फोन में जो ऐप अभी भी हैं, उनका क्या? क्या वो किसी तरह का खतरा नहीं हैं? कांग्रेस नेता ने कहा कि ये प्रतीकात्मक बैन ज्यादा है. इसके अलावा मनीष तिवारी ने लिखा कि चीनी ऐप को बैन करने का फैसला तो सही है, लेकिन पीएम केअर्स ने भी तो चीनी कंपनियों से पैसा लिया है, उनका क्या? क्योंकि चीन की हर ऐप में उसका खुफिया तंत्र का हाथ होता है.
सोरेन ने कहा कि चीनी ऐप ने जितना संक्रमण फैलाना था, वो फैला दिया
साथ ही कांग्रेस सांसद ने पूछा कि अलीबाबा इस लिस्ट में क्यों नहीं है, क्या इसलिए क्योंकि आपका पेटीएम से कनेक्शन है? क्या आप ये कहना चाह रहे हैं कि दूसरी चीनी ऐप किसी तरह का खतरा नहीं हैं. वहीं हेमंत सोरेन ने सवाल उठाते हुए कहा कि चाइनीज़ ऐप का असर और प्रभाव भारत में गलत था, सरकार ने इन पर बैन लगाने में देरी कर दी. सोरेन ने कहा कि चीनी ऐप ने जितना संक्रमण फैलाना था, वो फैला दिया है.