सर्च इंजन गूगल मंगलवार को अपने डूडल के जरिए विश्व प्रसिद्ध चित्रकार जैमिनी राय की जयंती मना रहा है। पश्चिम बंगाल में जन्में इस चित्रकार ने दुनिया भर में भारतीय कला को एक अलग पहचान दिलाई। कला में उनके अद्भुत योगदान को देखते हुए 1955 में भारत सरकार ने उन्हें पदम भूषण सम्मान से नवाजा था।
जैमिनी राय की चित्रकारी में राष्ट्रवादी आंदोलन, साहित्य और कला की अमिट छाप दिखती है। जैमिनी राय ने अपनी शिक्षा ग्रहण की अवधि के दौरान जिस कला शैली को सीखा था, उसे छोड़कर उन्होनें कला के नये रूपों की खोज की, जो दिल को छूते थे।
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इसके लिए उन्होंनें पूर्व एशियाई लेखन शैली, पक्की मिट्टी से बने मंदिरों की कला वल्लरियों, लोक कलाओं की वस्तुओं और शिल्प परम्पराओं आदि से प्रेरणा ली। करीब 60 साल तक जैमिनी राय ने भारत सहित दुनिया भर में हुए बदलाव को अपनी कलाकृतियों के जरिए प्रस्तुत किया।
यही वजह है कि उन्हें आधुनिकतावादी महान कलाकारों में से माना जाता है। 1930 के दशक तक अपनी लोक शैली की चित्र कलाकृतियों के साथ-साथ जैमिनी राय पोर्ट्रेट भी बनाते रहे, जिसमें उनके ब्रुश का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल नजर आता था।
राय ने ग्रामीण और लोगों की खुशियों को दिखाने वाले चित्र भी बनाए, जिनमें ग्रामीण वातावरण में उनके बचपन के लालन-पालन के भोले और स्वच्छंद जीवन की झलक थी।
1887 में वर्तमान पश्चिम बंगाल के बांकुरा जि़ले के बेलियातोर गांव में राय का जन्म हुआ था और 1972 में इस विश्व प्रसिद्ध चित्रकार का देहांत हुआ।
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Source : News Nation Bureau