विगत सालों से केंद्र (Modi Government) और दिल्ली सरकार कई मसलों पर आमने-सामने आ चुकी है. इसके साथ ही दोनों एक-दूसरे पर ठीका फोड़ने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ते. कोरोना वायरस (Corona Virus) के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) के मसले पर भी केंद्र और दिल्ली सरकार की यह परंपरा कायम रही. लॉकडाउन को धता बताकर दिल्ली से उत्तर प्रदेश, बिहार आदि राज्यों में गए कई हजार मजदूरों को लेकर दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल (Anil Baijal) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने पूरे मामले पर चिंता जाहिर करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री से दो-टूक बात की है. इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और अमित शाह भी लॉकडाउन के बीच हुए पलायन पर केजरीवाल से गहरी चिंता व्यक्त कर चुके हैं.
केजरीवाल से मोदी-शाह ने जाहिर की चिंता
उच्च सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक रविवार को गृह मंत्री अमित शाह की उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद रविवार शाम दिल्ली के सीएम केजरीवाल को पत्र भेजा गया. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा गया कि किसी भी प्रवासी मजदूर के पलायन को अनुमति नहीं दी जाए. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से इस मसले पर चिंता जाहिर करते हुए बात की है
इसके बाद दिल्ली के दो अधिकारियों का हुआ निलंबन
इस बैठक के बाद ही लॉकडाउन लागू करने में हुई कोताही पर केंद्र की मोदी सरकार के रुख को भांपते हुए उत्तर प्रदेश की सीमा तक लोगों को ले जाने के लिए डीटीसी बसों के इस्तेमाल पर गृह सचिव अजय भल्ला ने दिल्ली के मुख्य सचिव को दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश दिए थे. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि पलायन करने वाले लोगों को 14 दिनों के लिए अलग रखें और उसके बाद ही उन्हें घर जाने दिया जाए. गृह मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इसे पूरी तरह से टालना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सरकार को चिंता है कि पलायन से देश को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.
केजरीवाल के पास पलायन रोकने की थी सभी शक्तियां
सुत्रों के मुताबिक केजरीवाल को भेजे पत्र में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के पास लॉकडाउन लागू कराने की पूरी छूट थी और उनके पास इससे जुड़ी सभी शक्तियां भी थीं. अधिकारी ने कहा कि भविष्य के लिए उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वह सभी मजदूरों को सही तरीके से रखें. जरूरत पड़ने पर उन्हें शेल्टर होम में शिफ्ट किया जाए, जहां पर सभी मूलभूत सुविधाएं हों. इसके अलावा बैजल ने यह भी बताया है कि केंद्र के आदेश के अनुसार लॉकडाउन के दौरान किसी के भी रुपए न काटे जाएं और पूरा भुगतान किया जाए.
HIGHLIGHTS
- मजदूरों के पलायन पर केंद्र और दिल्ली सरकार फिर आमने-सामने.
- दिल्ली के एलजी ने पत्र लिख पलायन पर जताया केंद्र का रुख.
- पत्र में कहा केजरीवाल के पास पलायन रोकने की थी ताकत.
Source : News State