मोदी सरकार द्वारा उठाए गई ‘एक देश, एक चुनाव' की निती पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा का बयान सामने आया है. उनका कहना है कि इस योजन को लागू होने में वक्त लग सकता है. दरअसल उनका कहना है कि इसे तब तक लागू नहीं किया जा सकता जब तक राजनीतिक दल साथ बैठ कर किसी नतीजे पर पर नहीं पहुंच जाते हैं और कानून में जरूरी संशोधन नहीं लाया जाता. उन्होंने कहा, चुनाव आयोग इसमें बहुत कुछ नहीं कर सकता लेकिन वह ऐसी व्यवस्था को तरजीह देगा.
इसके साथ उन्होंने कहा, इसको लागू करना न करना राजनीतिक दलों पर निर्भर करता हैं क्योंकि जब वे एक साथ बैठकर कोई फैसला लेंगे तभी कुछ हो सकेगा. सुनील अरोड़ा ने कहा, जब राजनीति तक दल कोई कमद नहीं उठाते तब तक ये मुद्दा केवल सेमिनारों में बात करने तक ही ठीक है. उन्होंने कहा, साल 1967 तक देश में एकसाथ चुनाव होते थे लेकिन उसके बाद कुछ राज्यों में विधानसभाओं के भंग होने और अन्य कारणों के चलते इस व्यवस्था में असंतुलन पैदा हुआ.
बता दें, इससे पहले बताया जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार पूरे देश के लिए वन नेशन, वन पे डे (One Nation, One Pay Day) लागू करने पर विचार कर रही है. यह जानकारी देते हुए केंद्रीय श्रम मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार (Labour Minister Santosh Gangwar) ने कहा, देश में हर सेक्टर में काम कर रहे कर्मचारियों-मज़दूरों को एक दिन ही सैलरी (One Nation, One Pay Day) मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी खुद इस बारे में कानून बनाने की बात कह चुके हैं.
संतोष गंगवार ने यह भी कहा, सरकार यूनिफॉर्म मिनिमम वेज प्रोग्राम को लागू करने की दिशा में काम कर रही है, ताकि मजदूरों की जिंदगी सुधर सके. उन्होंने कहा कि संसद से कोड ऑन वेजेज को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है और अब इसके नियमों पर काम किया जा रहा है.
इसके अलावा, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड (OSH) को लोकसभा में 23 जुलाई 2019 को पेश किया गया था. 13 लेबर लॉ को मिलाकर यह कोड तैयार किया जाएगा. इसमें हर कर्मचारी को अपॉइंटमेंट लेटर, सालाना फ्री मेडिकल चेकअप जैसे प्रावधानों को जोड़ा गया है. इससे पहले मोदी सरकार देश भर में वन नेशन वन राशन कार्ड और वन नेशन, वन चालान का नियम लागू कर चुकी है. इसके अलावा मोदी सरकार वन नेशन वन इलेक्शन, वन नेशन वन ग्रिड और वन नेशन वन लैंग्वेज पर काम कर रही है. आगामी कुछ समय में इसके परिणाम सामने आ सकते हैं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो