पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई सोमवार के लिए टल गई है. सरकार की ओर से एसजी तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें याचिकाकर्ताओं की ओर से याचिका की कॉपी मिल गई है. इस बारे में सरकार से निर्देश लेने के लिए शुक्रवार तक का वक्त दिया जाए. इस पर कोर्ट ने सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी. सोमवार को कोर्ट सरकार को नोटिस जारी करने के बारे में फैसला लेगा. साथ ही CJI एन वी रमना ने याचिकाकर्ताओं को सलाह दी कि वो इस मसले को लेकर सोशल मीडिया पर समान्तर बहस न चलायें. CJI ने कहा- सभी याचिकाकर्ताओं से उम्मीद की जाती है कि वो कोर्ट के सवालों के जवाब, जिरह के दौरान रखें. अगर नई बात कोर्ट के सामने रखना चाहते हैं, तो हलफनामे के जरिये रख सकते हैं. आप वकील के जरिये अपनी बात रखें. लेकिन ट्वीटर और सोशल मीडिया के जरिये कुछ कहना चाहते हैं, तो ये आप पर है. हमें कुछ नहीं कहना. पर अगर आपको सिस्टम में भरोसा है तो अनुशासन होना चाहिए. हम सोशल मीडिया पर समान्तर बहस नहीं चाहते हैं.
क्या है पेगासस स्पाईवेयर?
दुनियाभर की सरकारों द्वारा 50 देशों में 50,000 से अधिक लोगों की लंबी सूची की जासूसी करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इजरायली फर्म एनएसओ की सैन्य-ग्रेड 'पेगासस स्पाइवेयर' (Pegasus Spyware) एक ऐसा स्पाईवेयर है, जो फोन या डिवाइस की जासूसी करने के काम में आता है. पेगासस एक मैलवेयर है जो आईफोन और एंड्राइड उपकरणों को प्रभावित करता है. यह अपने उपयोगकतार्ओं को संदेश, फोटो और ईमेल खींचने, कॉल रिकॉर्ड करने और माइक्रोफोन सक्रिय करने की अनुमति देता है. वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट है कि 189 पत्रकारों, 600 से अधिक राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों और 60 से अधिक व्यावसायिक अधिकारियों को एनएसओ समूह के क्लाइंट द्वारा लक्षित किया गया था, जिसका मुख्यालय इजराइल में है.
17 मीडिया संगठनों के 80 से अधिक पत्रकार आने वाले दिनों में सनसनीखेज खुलासे करेंगे. आक्रोश उबल रहा है, मुख्य प्रश्न स्पष्ट है कि हमारी कितनी गुप्त चीजें बिग टैक कंपनी के पास हैं? अमेरिकी खुफिया एजेंसी के पूर्व साइबर सुरक्षा इंजीनियर और अब एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में आईटी के निदेशक टिमोथी समर्स ने द वाशिंगटन पोस्ट को बताया, "यह गंदा सॉफ्टवेयर है. यह लगभग पूरी दुनिया की आबादी पर जासूसी कर सकता है.'
HIGHLIGHTS
- पेगासस मामले पर चल रही सुनवाई सोमवार तक टली
- सोमवार को कोर्ट सरकार को नोटिस जारी करने के बारे में फैसला लेगा
- मसले को लेकर सोशल मीडिया पर समान्तर बहस न चलायें- CJI