Online Shopping Is Becoming A Problem For The Earth: क्या आप भी करते हैं ऑनलाइन शॉपिंग? अगर हां तो आप अपनी धरती के साथ अन्याय कर रहे हैं. आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे संभव हो सकता है कि मेरी ऑनलाइन शॉपिंग से पृथ्वी को नुकसान पहुंचेगा? पृथ्वी के साथ अन्याय कैसे होगा? अब आपके मन में कई सवाल घूम रहे होंगे तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं. आजकल ऑनलाइन शॉपिंग करना इतना आसान हो गया है कि लगभग लोग ऑनलाइन शॉपिंग ही करते हैं. इसके पीछे कारण यह है कि लोगों के पास इतना समय नहीं है कि वे बाजार जाकर सामान देखें और फिर उसे खरीदें. ऐसे में आप और हम ऑनलाइन शॉपिंग को प्राथमिकता देते हैं.
धरती के साथ कैसे हो रहा है अन्याय?
अब सीधे उस मुद्दे पर आते हैं जिसके बारे में आप यहां जानने आये हैं. ऑनलाइन शॉपिंग में बहुत अधिक ऊर्जा और संसाधनों का उपयोग होता है, जिसका सीधा असर पृथ्वी पर पड़ता है. न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ अनुमानों के अनुसार, ई-कॉमर्स समेत तमाम तरह की चीजों की पैकेजिंग के लिए हर साल तीन अरब पेड़ काटे जाते हैं.
साथ ही, ऑर्डरों को संग्रहीत करने और पुनः प्राप्त करने के लिए आवश्यक डेटा केंद्र एक सामान्य घर की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक ऊर्जा की खपत करते हैं और कीमती भूजल को निगल जाते हैं. यानी आप समझ सकते हैं कि तीन अरब पेड़ों को काटना धरती के इकोसिस्टम से खिलवाड़ करने जैसा होगा.
ये भी पढ़ें- Amazon Great Summer Sale शुरू, सिर्फ इन्हें मिलेगा सस्ते में सारा सामान
क्या इसे कम किया जा सकता है?
एमआईटी के एक अध्ययन के अनुसार, 75 प्रतिशत से अधिक ऑनलाइन शॉपिंग पारंपरिक खरीदारी की तुलना में अधिक टिकाऊ हो सकती है और यह तभी संभव होगा जब ऑनलाइन शॉपिंग के साथ ऑल-इलेक्ट्रिक शिपिंग और कम पैकेजिंग हो. ऐसा नहीं है कि ई-कॉमर्स कंपनियां अपनी ऑनलाइन शॉपिंग पर ध्यान नहीं दे रही हैं.
लेकिन वह जो भी कर रही है वह काफी नहीं है. Amazon.com ने 2030 तक एक लाख इलेक्ट्रिक डिलीवरी वाहन सड़क पर लाने का वादा किया है. कंपनी ने कहा कि लाखों मीट्रिक टन कार्बन को वायुमंडल में उत्सर्जित होने से रोका जाएगाय इसके अलावा कंपनी इसकी पैकेजिंग पर भी काम कर रही है.
Source : News Nation Bureau