कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से मचे हाहाकार को पूरे देश ने देखा. ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए लाइन में लगे लोगों की तस्वीरों को लोग अभी तक नहीं भूल पाए हैं. अस्पतालों में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा था. केंद्र सरकार का कहना है देश में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई है. हालांकि पंजाब सरकार ने माना है कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी से चार लोगों की संदिग्ध मौत हुई है. दरअसल दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से मौत का मामला संसद में उठा था. इसमें ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की आंकड़ा मांगा गया था.
इसके जवाब में सरकार ने बताया कि राज्यों से मिले आंकड़ों के मुताबिक देश में दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है. पिछले महीने विपक्षी दलों ने संसद में यह बताने को लेकर सरकार को निशाने पर लिया था कि राज्यों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Mohfw) में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘जब संसद में यह प्रश्न उठाया गया तब राज्यों से स्पष्ट तौर पर यह प्रश्न पूछा गया और अबतक प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक केवल एक राज्य ने संदिग्ध मौत की जिक्र किया है और किसी भी अन्य राज्य ने अबतक नहीं कहा है कि ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुई हैं.’
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सूत्रों के अनुसार अरूणाचल प्रदेश, असम, ओड़िशा, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, झारखंड , हिमाचल प्रदेश और पंजाब समेत 13 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने जवाब दिया है. उन्होंने बताया कि केवल पंजाब ने कहा है कि ऑक्सीजन की कमी के चलते चार ‘संदिग्ध’ मौतें हुईं.
राज्यसभा में 20 जुलाई को पूछा गया सवाल
इससे पहले राज्यसभा में 20 जुलाई को जब प्रश्न किया गया था कि क्या दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से सड़कों एवं अस्पतालों में बड़ी संख्या में कोविड-19 मरीजों की मौतें हुई, तब उसके लिखित उत्तर में स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा था कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है.