6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी है. इससे पहले दिल्ली गुरुद्वारा सिख मैनेजमेंट कमेटी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की जांच की मांग की है. उनकी मांग है कि इस मामले में एक एसआईटी का गठन कर इसकी जांच की जाए. इसके लिए मैनेजमेंट कमेटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है. इस पत्र में उन्होंने ऑपरेशन ब्लू स्टार के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की बात की है. इसी के साथ एसआईटी का गठन कर सोनिया गांधी की भूमिका को लेकर भी जांच कराने की मांग की गई है. दिल्ली गुरुद्वारा सिख मैनेजमेंट कमेटी ने 7 तारीख को राष्ट्रपति से मिलने का मांगा वक्त भी मांगा है.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष मंजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, 'हम भिंडरावाला को आतंकवादी नहीं मानते. उन्होंने जो किया सिखों के लिए किया'. उन्होंने कहा, 'हम राष्ट्रपति से 7 तारीख को मुलाकात करेंगे. एक कमीशन बनाने के लिए पीएमओ को सुझाव भेजा है. ये इंदिरा गांधी की साजिश थी. वोट के पोलराइजेशन के लए सिखों पर हमले करवाए. कांग्रेस ने आज तक कभी इस बात के लिए माफी नहीं मांगी.' उन्होंने कहा, 'एक एसाईटी बनाई जाएं और जांच करवाई जाए. गांधी परिवार के लोगों की जांच की जाए. इसके लिए टाइम बांड कमीशन बनाया जाए. जिन फौजियों ने उस वकेत विरोध में नौकरी छोड़ी उन्हें भी मुआवजा मिले.'
क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार?
ऑपरेशन ब्लू स्टार इंदिरा गांधी की तरफ से शुरू कराया गया था. इसे 3 से 6 जून तक अमृतसर स्थित हरिमंदिर साहिब परिसर को खालिस्तान समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाले और उनके समर्थकों से मुक्त कराने के लिए शुरू किया गया था. इस ऑपरेशन के दौरान 5 जून की सुबह भारतीय सेना ने अकाल तख्त पर सामने से हमला किया. इसके लिए रात 10.30 बजे करीब 20 कमांडो स्वर्ण मंदिर में घुसे. फिर सुबह तीन टैंकर लगाकर 105 मिलिमीटर के गोले दागे गए और अकाल तख्त की दीवारें उड़ा दी गईं. इसके बाद सैनिकों ने उग्रवादियों को पकड़ने का काम शुरू किया. ऑपरेशन ब्लू स्टार में काफी मात्रा में सैनिक और आम नागरिक मारे गए थे. इस ऑपरेशन में आतंकवादी भिंडरवाला की भी मौत हो गई थी.
Source : Manish Chaurasia