कोरोना संक्रमण (COVID-19 Epidemic) ने दुनिया को जहां का तहां रोक कर रख दिया है. इसी वजह से दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में लाखों भारतीय भी फंस गए हैं. ऐसे में भारत सरकार कोरोना वायरस (Corona virus) और लॉकडाउन (Lockdown) के बीच विदेश में फंसे अपने नागरिकों को लाने की तैयारी में है. एयर इंडिया से लेकर सैन्य विमान और नौसैनिक जहाज विभिन्न देशों में फंसे लाखों भारतीयों की आज से घर वापसी शुरू करेंगे. संख्या के लिहाज से दूसरे सबसे बड़े 'वंदे भारत मिशन' के लिए देश के हवाई अड्डे और बंदरगाह पूरी तरह तैयार हैं.
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कोच्चि और कोझिकोड आएंगी पहली फ्लाइट
एय़र इंडिया की पहली दो फ्लाइट यूएई से कोच्चि और कोझिकोड आएंगी, जिनमें ज्यादातर केरल के प्रवासी होंगे. गुरुवार को एयर इंडिया की ऐसी ही एक फ्लाइट 200 नागरिकों के साथ अबूधाबी से भारत आ रही है. विदेश से भारत आने के लिए 2 लाख से अधिक लोग अपना नाम रजिस्टर करा चुके हैं. योजना के अनुसार सरकार से विभिन्न देशों में उड़ानें भेजना शुरू करेगी. सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्री एस जयशंकर इस मिशन के क्रियान्वयन पर खुद ही नजर रख रहे हैं और उन्होंने इस विषय पर कई बैठकें की जिनमें गृह मंत्रालय,नागर विमानन मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय एवं राज्यों के प्रतिनिधि शामिल थे. विदेश मंत्रालय ने इस काम के सिलसिले में अधिकतर राज्यों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं.
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15000 भारतीयों को वापस लाने की तैयारी
'वंदे भारत मिशन' नामक इस अभियान में खाड़ी देशों से लेकर मलेशिया तक, ब्रिटेन से लेकर अमेरिका तक विभिन्न देशों में फंसे भारतीय वापस लाए जाएंगे जिसके लिए एयर इंडिया 12 देशों से करीब 15000 भारतीयों को लाने के लिए पहले चरण में 13 मई तक 64 उड़ानें परिचालित करेगी. 13 मई के बाद निजी भारतीय एयरलाइनें भी भारतीयों को वापस लाने के इस काम में जुड़ सकती हैं. पहले दिन विदेश में विभिन्न स्थानों से 10 उड़ानों को परिचालित करने की योजना है. गुरुवार को कोच्चि के अलावा कोझिकोड़, मुम्बई, दिल्ली, हैदराबाद, अहमदाबाद और श्रीनगर विदेशों से उड़ानें पहुंचेंगी. केवल उन यात्रियों को सवार होने दिया जाएगा जिनमें लक्षण सामने नहीं आए हैं.
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तीन दशक पहले हुआ था सबसे बड़ा एयरलिफ्ट ऑपरेशन
इसकी तुलना में अगर तीन दशक पहले के ऑपरेशन की बात करें तो एयर इंडिया ने एयरलाइनों के एक समूह का नेतृत्व किया था, जिसमें करीब 111,711 भारतीयों को वापस लाया गया था. इस कार्य में भारतीय वायुसेना शामिल थी. यह उस समय की बात है जब इराक ने 1990 में कुवैत पर हमला कर दिया था और वहां फंसे भारतीयों को वापस लाना पड़ा था. उस 59 दिवसीय ऑपरेशन में 488 उड़ानें शामिल हुई थीं और यह पहले खाड़ी युद्ध से पहले आयोजित किया गया था. इस बार की योजना के अनुसार, संयुक्त अरब अमरीत (यूएई) में सात से 13 मई के बीच भारतीयों को लाने के लिए 10 उड़ानें संचालित की जाएंगी, जबकि अमेरिका के लिए सात, मलेशिया के लिए सात और सऊदी अरब के लिए पांच उड़ानें भेजी जाएंगी. हाल ही में अपनी अनिश्चित वित्तीय स्थिति के बावजूद एयरलाइन ने कोविड-19 संकट के दौरान विदेश में फंसे 9,000 से अधिक यात्रियों को निकाला है.
HIGHLIGHTS
- विभिन्न देशों में फंसे लाखों भारतीयों की आज से घर वापसी शुरू.
- 'वंदे भारत मिशन' के लिए देश के हवाई अड्डे और बंदरगाह तैयार.
- एय़र इंडिया की पहली दो फ्लाइट यूएई से कोच्चि और कोझिकोड आएंगी.