राज्यसभा में बुधवार को संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए विपक्ष ने जाति आधारित जनगणना और आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने की मांग की, क्योंकि सदन ने सर्वसम्मति से ओबीसी विधेयक पारित कर दिया।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आरक्षण की सीमा हटा दी जानी चाहिए जो अब 50 प्रतिशत है। यदि इसे नहीं हटाया गया तो विधेयक का उद्देश्य विफल हो जाएगा क्योंकि राज्यों को आरक्षण बढ़ाने की शक्ति मिलनी चाहिए।
अभिषेक मनु सिंघवी और राजद मनोज कुमार झा ने जहां ओबीसी की संख्या का पता लगाने के लिए देश में जाति जनगणना की मांग की, वहीं विपक्ष को सरकार की ओर से कड़ी फटकार लगाई गई, भाजपा के सुशील मोदी ने दावा किया कि पूरा ओबीसी आरक्षण भाजपा के प्रयास से अस्तित्व में आया।
समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार यादवों, कुर्मियों और गुर्जरों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सूची से हटाने की योजना बना रही है।
लोकसभा ने मंगलवार को संविधान (एक सौ सत्ताईसवां संशोधन) विधेयक 2021 पारित किया।
इस विधेयक को सदन में उपस्थित सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से पारित किया गया।
इसका उद्देश्य उस शक्ति को बहाल करना है जिसने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को अपनी ओबीसी सूची बनाने की अनुमति दी। कई क्षेत्रीय दलों और यहां तक कि सत्ताधारी पार्टी के अपने ओबीसी नेताओं द्वारा भी इसकी मांग की गई थी।
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Source : IANS