कर्नाटक में कांग्रेस - जद (एस) की सरकार गिरने के बाद कई राजनीतिक दलों ने बुधवार को भाजपा पर प्रहार किया और केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी पर आरोप लगाए कि वह ‘खरीद-फरोख्त’ और ‘सत्ता के दुरुपयोग’ में संलिप्त है. बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा कि लोकतंत्र के इतिहास में यह दिन ‘‘काला अध्याय’’ के तौर पर याद रखा जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरीके से भाजपा ने सभी संवैधानिक मानकों को ताक पर रख दिया और कर्नाटक में सरकार गिराने के लिए धन और सत्ता का इस्तेमाल किया उसे लोकतंत्र के इतिहास में काला अध्याय के तौर पर याद किया जाएगा.’’
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मायावती ने ट्वीट किया, ‘‘इस तरह के कृत्य की जितनी निंदा की जाए वह कम है.’’मायावती ने कर्नाटक में अपने एकमात्र विधायक को पार्टी से निकाल दिया. विधानसभा में मंगलवार को विश्वास मत के दौरान एच डी कुमारस्वामी सरकार के समर्थन में वोट देने के पार्टी के निर्णय का ‘‘उल्लंघन’’ करने के लिए उन्हें पार्टी से निकाला गया है. माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने आरोप लगाया है कि भाजपा द्वारा ‘‘खरीद- फरोख्त’’ करने और ‘‘सत्ता का दुरुपयोग’’ करने के कारण कांग्रेस- जद (एस) की गठबंधन सरकार गिरी है.
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येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘गठबंधन में जो भी तनाव रहे हों, कर्नाटक में खरीद - फरोख्त और सत्ता के दुरुपयोग को सबने देखा. शुरू से जब भाजपा ने इस सरकार को बनने से रोकने का प्रयास किया और अब तक यह पूरी तरह राजनीतिक अनैतिकता और धन शक्ति का प्रदर्शन रहा.’’कर्नाटक में कांग्रेस - जद (एस) सरकार गिरने के कुछ घंटे बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि जो लोग गठबंधन को अपने रास्ते की बाधा मानते थे उनके लालच की जीत हुई जबकि लोकतंत्र और राज्य के लोगों की हार हुई है. गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘कर्नाटक में पहले दिन से ही कांग्रेस- जद (एस) गठबंधन निहित स्वार्थियों के निशाने पर था जो गठबंधन को अपने रास्ते और सत्ता के लिए बाधा मानते थे.’’उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र, ईमानदारी और कर्नाटक के लोगों की हार हुई है.’’