विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) ने शुक्रवार को विपक्ष पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने राज्यसभा में उनके बयान के दौरान हंगामा किया गया था. जयशंकर ने कहा कि मैंने गुरुवार को संसद और देशवासियों को विदेश नीति से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रमों से अवगत कराना चाहा. दुख की बात है कि विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में मेरे बयान को बार-बार बाधित किया. उनके लिए पक्षपातपूर्ण राजनीति राष्ट्रीय प्रगति से अधिक महत्वपूर्ण थी.
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विदेश मंत्री जयशंकर ने वीडियो जारी कर विदेश नीति पर महत्वपूर्ण जानकारी दी है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश के हालिया घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी और पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका, पापुआ न्यू गिनी और मिस्र की यात्राओं के महत्व पर फोकस किया है. जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 20-23 जून तक संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा की गई केवल दूसरी यात्रा थी. उन्हें दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने का दुर्लभ विशेषाधिकार दिया गया.
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#WATCH कल मैंने संसद और देशवासियों को विदेश नीति से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रमों से अवगत कराना चाहा...दुख की बात है कि विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में मेरे बयान को बार-बार बाधित किया। उनके लिए पक्षपातपूर्ण राजनीति राष्ट्रीय प्रगति से अधिक महत्वपूर्ण थी: विदेश मंत्री डॉ. एस… pic.twitter.com/CyGBg6O7nn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 28, 2023
20-23 जून तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा की गई केवल दूसरी यात्रा थी। उन्हें दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने का दुर्लभ विशेषाधिकार दिया गया... हल्के लड़ाकू विमान के लिए भारत में… pic.twitter.com/X2zZMmnVHz
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उन्होंने आगे कहा कि भारत में हल्के लड़ाकू विमान के लिए GE414 जेट इंजन के निर्माण के लिए GE एयरोस्पेस और HAL के बीच एक समझौते से रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बड़ा बढ़ावा मिला. भारत दशकों से इस पर काम कर रहा था और यह सफलता प्रौद्योगिकी सहयोग में एक महत्वपूर्ण छलांग का प्रतीक है... इसरो और नासा ने शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष की खोज के लिए ARTEMIS समझौते पर हस्ताक्षर किए. वे मानव अंतरिक्ष उड़ानों में सहयोग करेंगे और 2024 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक संयुक्त प्रयास शुरू करेंगे.
Source : News Nation Bureau