2000 Rupees Note: रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए 2,000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने का निर्णय लिया है. हालांकि इस प्रक्रिया को लेकर समय तय किया गया है, मगर अचानक से लिए फैसले को लेकर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है. इस पर कांग्रेस ने मोदी सरकार की तीखी आलोचना की है. वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि हमारे स्वयं-भू विश्वगुरु, पहले करते हैं, फिर सोचते हैं. उन्होंने कहा कि 8 नवंबर 2016 के तुगलकी फरमान के बाद 2000 रुपये के नोट अब वापस ले लिया गया है.
वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी कहा कि 8 नवंबर 2016 का भूत एक बार दोबारा से देश को परेशान करने के लिए वापस आ गया है. नोटबंदी का कदम इस देश के लिए एक बड़ी आपदा बनकर सामने आया है. पीएम मोदी ने 2 हजार के नए नोटों पर राष्ट्र के नाम संदेश दिया था. आज जब छपाई बंद है तो उन सभी वादों का क्या हुआ?
उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह के कदम को उठाने की पीछे की मंशा बतानी चाहिए. सरकार को अपने जन विरोधी और गरीब विरोधी एजेंडे को जारी रखे हुए हैं. उन्होंने कहा कि मीडिया इस तरह के कठोर कदम पर सरकार से सवाल करेगी.
AAP ने भी किया हमला
आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने तंज कसते हुए कहा कि 2016 में नोटबंदी के बाद कई लोगों की नौकरी गई. इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ था. सरकार ने दावा कि इससे काला धन और भ्रष्टाचार का खात्मा होगा. मगर ऐसा नहीं हुआ. इस फैसले पर विशेषज्ञों की राय लिया गया हो.
गौरलतब है कि रिजर्व बैंक के अनुसार, 23 मई से 30 सितंबर तक दो हजार रुपये के नोटों को बैक और आरबीआई की 19 शाखों में बदला जा सकेगा. आरबीआई के अनुसार, एक बार में 20,000 रुपये तक के 2 हजार रुपये के नोट बदला जा सकता है.
Source : News Nation Bureau