नागरिकता संशोधन कानून और अर्थव्यवस्था जैसे ज्वलंत मसलों पर मोदी सरकार को घेरने की विपक्ष की मुहिम पहले ही धड़ाम हो गई है. एक लिहाज से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से सोमवार को बुलाई गई बैठक में विपक्ष की एकजुटता में फूट पड़ गई है. मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा चुनाव के बाद विपक्षी एकता का संदेश देने के लिए हो रही बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी समेत बहुजन समाज पार्टी ने भाग नहीं लेने का फैसला किया है. आम आदमी पार्टी ने भी बैठक में भाग नहीं लेने का फैसला किया है.
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ममता-माया ने आरोप लगा किया किनारा
गौरतलब है कि भारत बंद के दौरान हुई हिंसा की आलोचना करते हुए ममता बनर्जी ने लेफ्ट और कांग्रेस पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया था. उनका कहना था कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामदल गंदी राजनीति कर रहे हैं. यही नहीं, वह यह संकेत देने से भी नहीं चूकी थीं कि जरूरत पड़ने पर वह अकेले दम सीएए और मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगी. इसके साथ ही दीदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा 13 जनवरी को बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक के बहिष्कार की घोषणा कर दी थी. बसपा सुप्रीमो मायावती भी कांग्रेस के साथ कई मोर्चों पर विरोध जता चुकी हैं. ऐसे में वह भी शामिल नहीं होने वाली हैं.
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विपक्ष बनाएगा रणनीति
संसद के एनेक्सी में सोमवार दोपहर 2 बजे होने जा रही विपक्ष की एकता बैठक में वाम दलों समेत समाजवादी पार्टी, द्रमुक और राजद शामिल हो रहे हैं. देश के राजनीतिक हालात खासकर सीएए, एनपीए और एनआरसी पर मोदी सरकार को घेरने के लिए रणनीति पर बैठक के दौरान चर्चा हो सकती है. हालांकि अभी यह तय नहीं है कि बैठक के बाद प्रमुख विपक्षी दलों के नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद से मुलाकात करेंगे या नहीं. फिर भी इतना तय माना जा रहा है कि बैठक के बाद एक संयुक्त वक्तव्य जरूर जारी किया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- मोदी सरकार को घेरने की विपक्ष की मुहिम पहले ही धड़ाम हो गई है.
- ममता बनर्जी समेत बहुजन समाज पार्टी का भाग नहीं लेने का फैसला.
- देश के हालात पर मोदी सरकार को घेरने की रणनीति पर होगी चर्चा.
Source : News State