राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President of India Ramnath Kovind) द्वारा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Former CJI Ranjan Gogoi) को राज्यसभा के लिए नामित किए जाने पर सियासी घमासान मच गया है. विपक्षी दलों ने जस्टिस रंजन गोगोई को नामित किए जाने पर जहां पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) पर करारा वार किया है, वहीं इसी बहाने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों को लेकर भी सवाल उठाए हैं. ऐसा पहली बार हुआ है जब राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के किसी मुख्य न्यायाधीश को राज्यसभा के लिए नामित किया हो. रंजन गोगोई की अगुआई वाली बेंच ने ही राम मंदिर, राफेल, सबरीमाला मंदिर आदि मामले में फैसला सुनाया था. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Leader Asaduddin Owaisi) ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'क्या यह इनाम है'? लोग न्यायाधीशों की स्वतंत्रता पर यकीन कैसे करेंगे? कई सवाल हैं.'
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने को लेकर मंगलवार को दावा किया कि गोगोई न्यायपालिका और खुद की ईमानदारी से समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे. सिब्बल ने ट्वीट किया, ''न्यायमूर्ति एच आर खन्ना अपनी ईमानदारी, सरकार के सामने खड़े होने और कानून का शासन बरकरार रखने के लिए याद किए जाते हैं.'' उन्होंने दावा किया कि न्यायमूर्ति गोगोई राज्यसभा जाने की खातिर सरकार के साथ खड़े होने और सरकार एवं खुद की ईमानदारी के साथ समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे. दरअसल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को गोगोई का नाम राज्यसभा के लिए मनोनीत किया. गोगोई 17 नवंबर 2019 को उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. उनके सेवानिवृत्त होने से पहले उन्हीं की अध्यक्षता में बनी पीठ ने अयोध्या मामले तथा कुछ अन्य महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाया था.
असदुद्दीन ओवैसी के अलावा कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा का सदस्य नामित किए जाने की खबर को अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'यह तस्वीरें सब बयां करती हैं.'
कांग्रेस नेता और ब्लॉगर संजय झा लिखते हैं, 'रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया गया. नो कमेंट्स.'
Ranjan Gogoi nominated to Rajya Sabha.
No comments.
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) March 16, 2020
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने लिखा, 'तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा. (सुभाष चंद्र बोस) तुम मेरे हक में वैचारिक फैसला दो मैं तुम्हें राज्यसभा सीट दूंगा.'
तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा | (सुभाष चंद्र बोस )
तुम मेरे हक़ में वैचारिक फैसला दो मैं तुम्हें #राज्यसभा सीट दूंगा | ( #भाजपा ) #RanjanGogoi #ChiefJusticeofIndia #RajyaSabha— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) March 16, 2020
कभी बीजेपी नेता रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने लिखा, 'मुझे आशा है कि रंजन गोगोई की समझ अच्छी है इसलिए वो इस ऑफर को ना कह देंगे. नहीं तो न्याय व्यवस्था को गहरा धक्का लगेगा.'
I hope ex-cji Ranjan Gogoi would have the good sense to say 'NO' to the offer of Rajya Sabha seat to him. Otherwise he will cause incalculable damage to the reputation of the judiciary.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) March 16, 2020
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जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच के ऐतिहासिक फैसले
पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट ने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए थे. इनमें अयोध्या मामला, राफेल डील मामला, सबरीमाला मंदिर, तीन तलाक, CJI कार्यालय को RTI के दायरे में लाने जैसे कई अहम फैसले शामिल थे. उनके कार्यकाल में उनके कार्यालय में काम करने वाली एक महिला ने यौन उत्पीड़न के आरोप भी लगाए थे. हालांकि उस मामले में जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय जांच समिति ने क्लीन चिट दे दी थी.
(With PTI Inputs)
Source : News Nation Bureau