नोटबंदी फ़ैसले के ख़िलाफ़ सदन में विपक्ष का मूड क्या होगा इसको लेकर सवाल आम आदमी के मन में तो है ही, नेताओं के मन में भी है। सोमवार सुबह 9:30 बजे विपक्ष के सभी राज्यसभा और लोकसभा सांसदों की मीटिंग बुलाई गयी है, जिसमे ये तय किया जाएगा की सरकार के फ़ैसले पर सभी विरोधियों का स्टैंड क्या होना चाहिए?
हालांकि विपक्ष ने पहले ही नोट बैन की जानकारी लीक करने का आरोप सरकार पर लगाया है और संयुक्त संसदीय समिति से इसकी जांच कराने की मांग की है। कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने का व्हिप जारी किया है। उधर सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के रुख को देखते हुए अपने सभी सांसदों को सदन में मोजूद रहने को कहा है।
16 नवम्बर से शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई है जिसके बाद से ही नोटबंदी के मुद्दे पर कई बार सदन का कामकाज बाधित हुआ है। विपक्ष मांग कर रहा है कि नोटबंदी फ़ैसले पर नियम 56 के तहत स्थगन प्रस्ताव लाया जाय और फिर उसपर चर्चा हो। जबकि सरकार नियम 193 के तहत चर्चा करना चाहती है।
ज़ाहिर है नियम 56 के तहत अगर चर्चा हुई तो वोटिंग के समय राज्यसभा में सरकार की मुश्किलें बढ़ेंगी। वहीं शनिवार को सरकार ने अपने सभी राज्यसभा सांसदों से 21, 22 और 23 नवम्बर को सदन में मौज़ूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है। सरकार के इस फ़ैसले से ऐसा लगता है कि सरकार सदन में हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहती है।