तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने आज 'भारत बंद' आह्वान किया है. किसान आज देशभर में चक्का जाम करेंगे. किसान सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक सड़कों पर चक्का जाम करेंगे. प्रदर्शन के तहत उत्तरी राज्यों खासकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के किसान सड़कों पर उतरे हैं. किसान 12 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटे हैं. यहां हजारों की संख्या में किसानों ने डेरा डाल रखा है. किसानों के इस आंदोलन भी राजनीति भी जमकर हो रही है. 'भारत बंद' को देश के तमाम विपक्षी दलों ने अपना समर्थन दिया है.
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सरकार के साथ बातचीत बेनतीजा होने से किसानों में और रोष बढ़ा है, जिसके बाद किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया है. प्रदर्शनकारी किसानों को हालांकि कलाकारों, खिलाड़ियों और मजदूर संगठनों समेत विभिन्न वर्गों के समर्थन भी मिल रहे हैं. देश के कुल 24 विपक्षी दलों और संगठनों ने बंद का समर्थन किया है. इनमें से कुछ दलों ने किसानों के बंद से समर्थन के साथ ही प्रदर्शन करने की भी घोषणा की है. किसानों ने हालांकि अपने बंद को गैर-राजनीतिक बताया है.
भारत बंद का समर्थन करने वाले दल-संगठन
- कांग्रेस
- आम आदमी पार्टी
- समाजवादी पार्टी
- शिवसेना
- बहुजन समाज पार्टी
- झारखंड मुक्ति मोर्चा
- राष्ट्रीय जनता दल
- शिरोमणि अकाली दल
- तृणमूल कांग्रेस
- एआईएमआईएम
- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
- द्रविड मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक या डीएमके)
- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई)
- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी)
- भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी, लिबरेशन) या भाकपा-माले
- गुपकार गठबंधन
- तेलंगाना राष्ट्र समिति
- जनता दल (सेक्युलर)
- स्वराज इंडिया
- सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट)
- ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी)
- ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन
- द सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू)
- ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी)
किसानों के आंदोलन को समर्थन करने से लेकर भारत बंद में सपोर्ट करने में देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस सबसे आगे है. कांग्रेस ने कहा है कि किसानों के भारत बंद के तहत पार्टी कार्यकर्ता सभी जिला व राज्य मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे. पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने 3 दिनों तक विभिन्न इलाकों में धरने की घोषणा की है. आम आदमी पार्टी ने कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेगी.
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उधर, किसान नेताओं ने कहा है कि किसी को भी बंद में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा बंद राजनीतिक दलों के बंद से अलग है. यह विचारधारा के कारण किया गया 4 घंटे का सांकेतिक बंद है. हम चाहते हैं कि आम आदमी को कोई परेशानी न हो. हम उनसे इस अवधि के दौरान यात्रा न करने की अपील करते हैं. सभी से 'सांकेतिक' बंद में शामिल होने की अपील करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि अपने प्रदर्शन के तहत पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक वे 'चक्का जाम' प्रदर्शन करेंगे, जिस दौरान प्रमुख सड़कों को जाम किया जाएगा.
हालांकि बंद और प्रदर्शनों के आह्वान के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी देशव्यापी परामर्श में कहा कि राज्य सरकारों तथा केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासकों को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन किया जाए और सामाजिक दूरी रखी जाए. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को बताया गया है कि ‘भारत बंद’ के दौरान शांति और धैर्य बनाए रखा जाए और एहतियाती कदम उठाए जाएं ताकि देश में कहीं भी अप्रिय घटना नहीं हो.