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राज्यसभा में विपक्ष का कृषि कानूनों पर हंगामा, उत्तेजक नारेबाजी भी

सड़कों से लेकर संसद तक में किसान आंदोलन (Farmers Agitation) पर हंगामा बदस्तूर जारी है. राज्यसभा में मंगलवार को हंगामा खत्म होता नहीं दिखा.

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Nihar Saxena
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Rajya Sabha

राज्यसभा में किसान आंदोलन पर चर्चा को लेकर विपक्ष अड़ा.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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दिल्ली की सड़कों से लेकर संसद तक में किसान आंदोलन (Farmers Agitation) पर हंगामा बदस्तूर जारी है. राज्यसभा में मंगलवार को हंगामा खत्म होता नहीं दिखा. सुबह कार्यवाही शुरू होने के बाद से तीसरी बार सदन की कार्यवाही स्थगित की गई है. दरअसल, विपक्षी दल (Opposition) किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं, जबकि राज्यसभा के सभापति ने चर्चा से इंकार कर दिया है. राष्ट्रपति के अभिभाषण का हवाला देते हुए बुधवार को इस मसले पर चर्चा की बात कही गई है. मगर, विपक्षी सांसद मानने को राजी नहीं हैं और सदन में काले कानून वापस लो और सरकार मुर्दाबाद की नारेबाजी बार-बार की जा रही है. हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही तीसरी बार दोपहर 12.30 बजे तक स्थगित कर दी गई है.

सभापति के आसन पास नारेबाजी
इसके पहले संसद में स्थगन नोटिस खारिज होने के बाद विपक्ष ने हंगामा किया. विपक्षी दलों ने मंगलवार को राज्यसभा से वॉकआउट किया और बाद में सदन में लौटने के बाद सभापति के आसन के पास नारेबाजी की. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'विपक्ष को सभापति के फैसले को मानना चाहिए.' इसके बाद सदन को पूर्वाह्न 10.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

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वेंकैया नायडू ने बुधवार को चर्चा कराने को कहा
सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ मिनटों बाद राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कृषि कानूनों पर विपक्ष द्वारा दिए गए स्थगन नोटिस को खारिज कर दिया. सभापति ने कहा, 'कल (बुधवार) राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच चल रही बातचीत पर चर्चा की जा सकती है.' राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, द्रमुक के टी. शिवा, बहुजन समाज पार्टी के अशोक सिद्दार्थ, माकपा के ई. करीम ने स्थगन नोटिस दिया था. विपक्ष ने राज्यसभा के नियम 267 के तहत नोटिस दिया.

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राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार से दिखाए थे तेवर
नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'मामला गंभीर है और किसान महीनों से आंदोलन कर रहे हैं, इसलिए इस मामले पर चर्चा होनी चाहिए. यही बात बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने भी कही.' विपक्ष ने राज्यसभा के कामकाज को स्थगित करने और कृषि कानूनों को निरस्त करने की भी मांग की है. इससे पहले, शुक्रवार को 18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था.

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