एक युवा लड़की दुर्घटना की वजह से ब्रेन-डेड हालत में पहुंच गई. इसके बाद उसके माता-पिता ने अंगदान का निर्णय लिया. युवा लड़की भले ही दुनिया छोड़ गई, लेकिन जाते-जाते उसने 2 सैनिकों समेत 5 लोगों को नई जिंदगी बख्श दी. अब उसकी दी किडनी के दम पर सेना के दो सक्रिय जवान न सिर्फ सामान्य जिंदगी जी पाएंगे, बल्कि सीमा पर जाकर देश की रक्षा में फिर जुट जाएंगे. ये पूरा मामला पुणे का है. जहां ब्रेन-डेड हुई लड़की के परिजनों ने साहसिक फैसला करते हुए अंगदान का निर्णय लिया. लड़की की किडनी, लीवर और आंखों से 5 लोग फिर जी पाएंगे.
सेना ने किया सलाम
रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि एक युवा ब्रेन-डेड महिला द्वारा किए गए अंगदान ने पुणे में कमांड अस्पताल दक्षिणी कमान (सीएचएससी) में सेना के 2 सेवारत सैनिकों सहित 5 लोगों की जान बचाई गई. रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद युवती को उसके जीवन के अंतिम चरण में अस्पताल लाया गया था. अस्पताल में भर्ती होने तक उसका ब्रेन-डेड हो चुका था. उसके परिवार की इच्छा थी कि महिला के अंगों को उन रोगियों को दान कर दिया जाए जिन्हें उनकी सख्त जरूरत है.
पांच लोगों को मिली जिंदगी
रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि किडनी जैसे व्यवहार्य अंगों को भारतीय सेना के 2 सेवारत सैनिकों में प्रत्यारोपित किया गया, आंखों को CH (HC) -आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज परिसर के आई बैंक में संरक्षित किया गया और लीवर को रूबी हॉल क्लिनिक, पुणे में एक मरीज को दिया गया. इस तरह से युवा लड़की ने दुनिया भले ही छोड़ दी हो, लेकिन उसने 5 लोगों को नई जिंदगियां दे दी.
HIGHLIGHTS
- पुणे में 5 लोगों को मिली नई जिंदगी
- किडनी, आंख, लीवर दे दिया दान
- ब्रेन-डेड हुई लड़की के परिजनों का साहसिक फैसला