भारत में पाकिस्तान हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने एक कार्यक्रम में दोनों देशों के आपसी संबंध और कुलभूषण जाधव के बारे में मीडिया से बातचीत की। बासित कहा कि दोनों देशों को आपसी मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत की कोशिश को जारी रखना चाहिए।
बासित ने कहा, 'गतलफहमियों को दूर करने के लिए हमारे बीच बातचीत जरूरी है।'
बासित ने कहा, 'दोनों देशों के लिए आपस में बातचीत करना जरूरी है। दोनों देशों हमेशा के लिए शत्रुता के साथ नहीं रह सकते। बातचीत नहीं करना या सामान्य संबंध नहीं रखना अस्वाभाविक है। बातचीत के लिए दरवाजे खुले रखना निश्चित रूप से दोनों पक्षों की जिम्मेदारी है।'
कश्मीरियों को पाकिस्तान से मिल रहे समर्थन पर बासित ने कहा, 'भारत में जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति पाकिस्तान के समर्थन के बारे में धारणाएं और गलतफहमी नैतिक, राजनयिक या राजनीतिक समर्थन तक सीमित नहीं हैं। वह उससे परे हैं।'
बासित ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में रहने वालों को भारत या पाकिस्तान के फैसलों की वजह से परेशानियां नहीं झेलनी चाहिए। कश्मीरियों को आत्मनिर्णय का अधिकार है, जैसा कि दोनों देशों ने वादा किया था।'
बासित का यह बयान जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के एक सेमिनार में संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35(ए) जैसे मुद्दों पर चर्चा करने के एक दिन बाद आया।
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कश्मीर में एक कार्यक्रम के दौरान महबूबा ने कहा, 'अनुच्छेद के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ स्वीकार नहीं किया जाएगा। मुझे यह कहने में बिल्कुल भी संकोच नहीं होगा कि (यदि अनुच्छेद को खत्म किया जाता है तो) तो कश्मीर में राष्ट्रध्वज को कोई उठाने वाला नहीं होगा। मैं इसे स्पष्ट कर देती हूं।'
बासित ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद जैसे मुद्दों पर चर्चा करने से इंकार नहीं करता है क्योंकि देश के भीतर भी इससे जुड़ी समस्याएं है।
भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव की सजा के बारे में बातचीत करते हुए बासित ने कहा, 'जाधव एक आरोपी हैं, सैन्य कोर्ट में उनकी दया याचिका दर्ज है। इस पर जल्द फैसला आएगा।'
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HIGHLIGHTS
- भारत-पाक को मतभेदों को दूर करने के लिए बातचीत की कोशिश को जारी रखना चाहिए
- जाधव मामले में भारत को लगातार कोशिश करनी चाहिए और हार नहीं माननी चाहिए
Source : News Nation Bureau