भाजपा के खिलाफ महागठबंधन की तैयारी में जुटे नीतीश कुमार और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के खिलाफ AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी बड़ा हमला बोला है. ओवैसी ने दोनों ही नेताओं के सेक्यूलर चरित्र पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि भाजपा में रहते हुए नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने. गोधरा कांड के दौरान वह भाजपा के साथ थे. उन्होंने 2015 में उन्हें छोड़ दिया. लेकिन, 2017 में एक बार फिर से वापस चले गए और नरेंद्र मोदी को जीत दिलाने के लिए 2019 का चुनाव लड़ा. वह उन्होंने एक बार फिर भाजपा को छोड़ दिया है. वहीं ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि ममता बनर्जी पहले एनडीए में रह चुकीं हैं. ओवैसी ने कहा कि जब ममता भाजपा के साथ थी, तब उन्होंने आरएसएस की तारीफ की थी.
Nitish Kumar became CM while being with BJP. He was with BJP during Godhra pogrom. He left them in 2015, went back in 2017 & contested 2019 polls to make Narendra Modi win. He left them now. Mamata Banerjee was earlier in NDA&praised RSS: AIMIM chief Asauddin Owaisi, in Ahmedabad pic.twitter.com/BT9vjK8Gxm
— ANI (@ANI) September 10, 2022
गौरतलब है कि नीतीश कुमार इन दिनों मोदी विरोधी विपक्ष के अगुवा बनकर उभरे हैं. वह लगातार देशभर के नेताओं से मिलकर महागठबंधन बनाने की कवायद में जुटे हैं. पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी और डी राजा से मुलाकात की थी. इसके अलावा उन्होंने इनेलो के मुखिया हरियाणा के मूर्प मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला से भी मुलाकात की थी. अभी हाल ही में उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मुलाकात की है. इसके साथ ही उन्होंने देश के अलग-अलग राज्यों के क्षत्रपों से मुलाकात करने की बात कही है. हालांकि, जब मीडिया ने उनसे पूछा था कि क्या आप विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार है. इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि मेरा प्रधानमंत्री बनने का कोई इरादा नहीं है, मैं सिर्फ विपक्ष को एकजुट करना चाहता हूं.
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दरअसल, इन दिनों विपक्ष के कई नेता प्रधानमंत्री बनने के सपने पाले बैठे हैं. इसमें सबसे पहला नाम आता है कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का. वह अपनी दावेदारी पेश करने के लिए इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हुए हैं. वहीं, दूसरा नाम आता है तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर राव का. वे बहुत पहले से ही विपक्षी नेताओं से मिलकर उन्हें एकजुट करने के प्रयास में जुटे हैं. हालांकि, केसीआर का नारा कांग्रेस रहित गठबंधन बनाने की है. इसके बाद बारी आती है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की. वे भी अपने दिल में प्रधानमंत्री का सपना संजोए बैठी है. हालांकि, ममता भी कांग्रेस रहित गठबंधन की वकालत करती रही है. इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल भी मोदी के खिलाफ अपने आपको पेश कर प्रधानमंत्री की दावेदारी पेश कर चुके हैं. अपनी दावेदारी को पक्का करने के लिए वह इन दिनों मेक इंडिया फर्स्ट यात्रा पर भी निकलने वाले हैं.
हालांकि, इस मामले में नीतीश कुमार सबसे आगे निकल गए हैं. दरअसल, नीतीश कुमार विपक्ष के एक ऐसे नेता है, जो अपने महागठबंधन में कांग्रेस को भी साथ लेकर चल रहे हैं. यही नीतीश कुमार की सबसे बड़ी मजबूती है, क्योंकि कांग्रेस कमजोर होने के बाद भी अभी देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है. ऐसे में किसी भी विपक्षी पार्टी के लिए कांग्रेस के बिना सरकार बनना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी लगता है.
Source : News Nation Bureau