देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम को बुधवार की रात सीबीआई ने उनके दिल्ली के जोरबाग आवास से गिरफ्तार कर लिया है. पी चिदंबरम को INX मीडिया घोटाले में गिरफ्तार किया गया है. इसके पहले मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत की याचिका ठुकरा दी जिसके बाद सीबीआई उन्हें तलाशते हुए उनके आवास पहुंची जहां वो नहीं मिले. चिदंबरम 27 घंटों तक भूमिगत रहने के बाद कांग्रेस मुख्यालय से प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि वो पूरे मामले में बेकसूर हैं, उन्हें फंसाया जा रहा है. इसके बाद वो अपने जोर बाग आवास पर चले गए जहां से हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद उन्हें गिरफ्तार कर सीबीआई अपने साथ हेडक्वार्टर ले गई. आइए आपको बताते हैं पी चिदंबरम के राजानीतिक करियर के बारे में.
दुनिया में कुछ शख्सियतें ऐसी भी होती हैं, जिन्हें पैसे को चलाने का हुनर बखूबी आता है. भारत के पूर्व वित्त-गृहमंत्री पी. चिदंबरम की गिनती ऐसी ही शख्सियतों में होती है. पी. चिदंबरम देश के पूर्व वित्त मंत्री हैं. पूर्व वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद पी. चिदंबरम को वित्तमंत्री के पद पर बिठाया गया. इससे ठीक पहले वे केंद्रीय गृहमंत्री थे.पी चिदंबरम के नाम 9 बार लोकसभा में बजट पेश करने का कीर्तिमान है जिसमें यूपीए के लगातार दो बार शासन के दौरान वो कैबिनेट अहम पदों पर रहे हैं 7 बार चिदंबरम ने लगातार बजट पेश किया था जबकि 2 बार बाद में रहे.
तमिलनाडु में जन्में थे पी. चिदंबरम
16 सितंबर, 1945 को तमिलनाडु के गांव कनाडुकथन में पी. चिदंबरम का जन्म हुआ था. उनका पूरा नाम पलानीअप्पन चिदंबरम है. पलानीअप्पन उनके पिता का नाम था जबकि चिदंबरम उनका नाम है. पी. चिदंबरम ने शुरुआती पढ़ाई मद्रास क्रिश्चियन सेकेंडरी स्कूल, चेन्नई से पूरी की. इसके बाद उन्होंने चेन्नई के प्रेसिडेंसी कॉलेज में एडमिशन लिया जहां से उन्होंने विज्ञान में सांख्यिकी विषय के साथ स्नातक की उपाधि ली, इसके बाद चिदंबरम आगे की पढ़ाई के लिए बोस्टन चले गए जहां उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से बिजनेस मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की. चिदंबरम के परिवार में उनकी पत्नी नलिनी चिदंबरम और बेटा कार्ति चिदंबरम हैं.
वकील के रूप में शुरू किया करियर
पी. चिदंबरम करियर के शुरुआती दिनों में मद्रास हाईकोर्ट में वकालत करते थे. चिदंबरम साल 1984 में वरिष्ठ वकील के तौर पर नामित हुए और चेन्नई सहित कई अन्य राज्यों में भी बतौर वकील काम कर चुके थे. अब तक वो एक बड़े वकील के तौर पर अपनी पहचान बना चुके थे.
राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं चिदंबरम
पी. चिदंबरम राजनीति मंझे हुए खिलाड़ी हैं उनका राजनीतिक करियर बहुत ही शानदार रहा है. चिदंबरम ने साल 1972 में कांग्रेस अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्यता ली वो तमिलनाडु में युवा कांग्रेस अध्यक्ष और तमिलनाडु के प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव भी रह चुके थे. साल 1984 में चिदंबरम तमिलनाडु के शिवगंगा लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे इस सीट से वो लगातार 6 बार सांसद चुने गए. राजीव गांधी सरकार में चिदंबरम ने कार्मिक मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय में मंत्रिपद पर रहे साल 1986 में लोक शिकायत व पेंशन मंत्रालय में मंत्रिपद के साथ-साथ लगातार कई अहम पदों पर बने रहे.
कई बार आलोचना भी हुई है चिदंबरम के फैसलों की
राजनीति में लंबी पारी के खिलाड़ी कभी-कभी अपने गलत फैसलों की वजह से आलोचना का शिकार भी हुआ है दिल्ली में अन्ना के जनलोकपाल आंदोलन जब चरम पर था, तब चिदंबरम देश के गृहमंत्री थे. उस दौरान जब अन्ना हजार को दिल्ली पुलिस ने कानून व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देकर गिरफ्तार किया तो इसका ठीकरा तत्कालीन गृहमंत्री के पी चिदंबरम के माथे ही फूटा और उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. अन्ना हजारे की गिरफ्तारी के मामले में चिदंबरम की खूब किरकिरी हुई. रामलीला मैदान में योगगुरु रामदेव के समर्थकों पर हुए लाठीचार्ज के मामले में भी पी. चिदंबरम पर सवाल उठाए गए.
Source : रवींद्र प्रताप सिंह