पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को CBI ने 21 अगस्त (बुधवार) की रात को गिरफ्तार कर लिया. गुरुवार की सुबह CBI ने पूर्व केंद्रीय मंत्री को स्पेशल कोर्ट में पेश किया. इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से करीब डेढ़ घंटे तक बहस हुई. पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की ओर से कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें रखीं जबकि CBI की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. थोड़ी देर बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि चिदंबरम को 26 अगस्त तक सीबीआई की रिमांड में रखा जाए. इसके साथ ही कोर्ट ने यह आदेश भी दिया कि चिदंबरम के परिवार और उनके वकील हर दिन चिदंबरम से 30 मिनट की मुलाकात कर सकते हैं.
वहीं राजनीतिक गलियारों में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद अब सियासी घमासान शुरू हो चुका है. कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए कहा है कि सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए और बदले की भावना से ऐसा कर रही है. आपको बता दें कि बुधवार की देर शाम को लगभग 27 घंटे लापता रहने के बाद अचानक पी चिदंबरम कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए बाहर आ गए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिदंबरम ने बताया कि वो भगोड़े नहीं हैं और आईएनएक्स मीडिया मामले में वो पूरी तरह से निर्दोष हैं.
इसके बाद चिदंबरम अपने जोर बाग आवास के लिए निकल गए थे जहां से हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद चिदंबरम को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद उन्हें सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया. जहां दोनों पक्षों के वकीलों के बीच लगभग डेढ़ घंटे बहस की गई जिसके बाद सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने चिदंबरम को 26 अगस्त तक के लिए सीबीआई की रिमांड पर भेज दिया.
Source : रवींद्र प्रताप सिंह