पद्मावत के खिलाफ हो रहे विरोध को न रोक पाने को लेकर चार राज्यों और करणी सेना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिये तैयार हो गया है। इस ममाले की सुनवाई अब सोमवार को होगी।
गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की सरकार के खिलाफ कांग्रेस के समर्थक तहसीन पूनावाला ने अवमानना याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि इन राज्यों की सरकारें फिल्म पद्मावत के खिलाफ जारी विरोध और हिंसा को रोकने में असफल रही हैं।
इसी तरह की एक और अवमानना याचिका करणी सेना और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ दायर की गई है जिसे विनीत ढांढा ने दायर किया है। करणी सेना का फिल्म के खिलाफ कई राज्यों में हो रहे हिंसक प्रदर्शन के खिलाफ याचिका दायर की गई है।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा, 'सभी ताज़ा याचिकाओं पर अब सोमवार को सुनवाई होगी।'
श्री राजपूत करणी सेना के कार्यकतार्ओं द्वारा व्यापक विरोध और बर्बरता का हवाला देते हुए याचिकाकतार्ओं ने तर्क दिया है कि उनके कृत्य सर्वोच्च न्यायालय के 18 जनवरी के आदेश का उल्लंघन हैं।
ढांडा ने श्री राजपूत करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कलवी, राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरज पाल और सदस्य करम सिंह के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करने की मांग की है।
दोनों याचिकाओं में पद्मावत से जुड़े कोर्ट के पहले के आदेशों का जिक्र किया गया है। जिसमें उसके रिलीज़ को लेकर कोर्ट ने टिप्पणियों का भी जिक्र किया गया है। जिसमें इन राज्यों को निर्देश दिया गया था कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी उनकी है।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले इस फिल्म की रिलीज़ को रोकने से जुड़ी कई याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
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Source : News Nation Bureau