आतंकवादी भारत में आतंक फैलाने के लिए नए-नए तरीके अपनाते रहते हैं. ताज़ा मामले में सीमापार (Pakistan) से प्री प्रोग्राम्ड ड्रोन (Pre Programmed Drones) के जरिए हमले की साजिश का खुलासा हुआ है. खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक सीमापार से प्री प्रोग्राम्ड ड्रोन के जरिए हमले की नई साजिश रची जा रही है. बता दें कि प्री प्रोग्राम्ड ड्रोन में रेडियो फ्रीक्वेंसी या जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. दरअसल, यह प्री प्रोग्राम मोड पर काम करता है जो उड़ने के बाद अपने संपर्क का साथ छोड़ देता है और टारगेट की तरफ बढ़ता है.
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आतंकियों ने रणनीति में किया बदलाव
सूत्रों के मुताबिक कश्मीर में फिलहाल आतंकियों (Terrorist) ने अपनी रणनीति में बदलाव कर दिया है. इसमें दो से तीन लोगों का ग्रुप है, जबकि ये पहले पांच से छह लोगों का ग्रुप था. ये छोटे समूह अलग-अलग इलाकों में छुपने की कोशिश कर रहे हैं और जल्द ही बड़े वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं. इन समूहों में ज्यादातर वो लोग हैं जो अफगान युद्ध का अनुभव पा चुके हैं, कुछ दाखिल हुए हैं जबकि बड़ी तादात में लॉन्चपैड पर मौजूद हैं. इनके पास ज्यादा युद्ध का अनुभव है लिहाजा सुरक्षा एजेंसियां उसी के मुताबिक अपनी रणनीति बना रही है.
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पंजाब में पाकिस्तान द्वारा ड्रोन के इस्तेमाल की बात आ चुकी है सामने
बता दें कि पंजाब के तरनतारण में अत्याधुनिक हथियारों की बरामदगी और उनकी तस्करी के लिए इस्तेमाल में लाए गए ड्रोन के पीछे पाकिस्तान का हाथ सामने आने के बाद पंजाब राज्य की सुरक्षा तो कड़ी कर ही दी गई थी. साथ ही ड्रोन से हथियारों की तस्करी और उसके पीछे पाक समर्थित खालिस्तान आतंकियों का हाथ सामने आने के बाद पूरे मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के सुपुर्द कर दिया गया है. इस बात का फैसला केंद्र सरकार ने षड्यंत्र की व्यापकता और हथियारों समेत संवेदनशील नक्शों की बरामदगी के चलते लिया है.
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गौरतलब है कि सितंबर 2019 में पुलिस ने पांच एके-47 राइफल्स, पिस्टल, सैटेलाइट फोन, हैंड ग्रेनेड और दूसरे हथियार पंजाब के तरनतारण जिले के रजोके गांव में पुलिस ने बरामद किया था. पुलिसकर्मियों ने जांच के बाद बताया कि हाई एंड ड्रोन में जीपीएस लगे थे और ऑपरेटर्स तस्करी पर नजर बनाए हुए थे. ड्रोन हथियारों के जखीरे को गिराने के बाद वापस लौट गए. हालांकि हथियारों की तस्करी के लिए एक ऐसी ही दूसरी घटना पर पाकिस्तान से आया ड्रोन वापस लौटने के लिए उड़ान नहीं भर सका. उस ड्रोन को आईएसआई हैंडलर की सूचना पर पाकिस्तान में बैठे खालिस्तान समर्थक के आदेश पर जला दिया गया था.
Source : Mohit Raj Dubey