करतारपुर गलियारे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरे दौर की बातचीत के बाद पाकिस्तान ने कहा है कि वह बाबा गुरु नानक के प्रकाशोत्सव पर गलियारे को सिख तीर्थयात्रियों के लिए खोल देगा. साथ ही कहा है कि अपने 'पूरे न होने वालों कामों के लिए भारत खुद जिम्मेदार होगा.' अटारी-वाघा सीमा पर भारतीय सीमा में हुई वार्ता के बाद भारत और पाकिस्तान के बयानों में फर्क दिखा है. भारत ने कहा है कि कुछ खास मुद्दों पर सहमति नहीं बनने की वजह से करार नहीं हो सका, जबकि पाकिस्तान ने कहा है कि दो-तीन मुद्दों को छोड़कर कॉरिडोर को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है. हालांकि, इन मुद्दों पर उसने कुछ नहीं कहा.
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पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने वार्ता में हिस्सा लेने के बाद वाघा पर मीडिया से कहा कि बाबा गुरु नानक की जयंती पर सिख यात्रियों के लिए पाकिस्तान कॉरिडोर खोल देगा. भारत की तरफ काम पूरा नहीं हुआ तो उसके लिए वही जिम्मेदार होगा. पाकिस्तान ने भारत के डोजियर के जवाब में डोजियर सौंप दिया है. भारत लचीलापन दिखाए तो सभी मामले हल हो जाएंगे.
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उन्होंने कहा कि कश्मीर पर तनाव के बावजूद दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत बहुत अच्छी रही जो पूरी तरह करतारपुर कॉरिडोर से संबंधित थी. दो-तीन बिंदुओं को छोड़कर बाकी पर सहमति बन गई है. उन्होंने कहा कि पांच हजार सिख यात्रियों के आने पर रजामंदी दी गई है, लेकिन अगर इससे अधिक भी यात्री हुए तो पाकिस्तान उनका स्वागत करेगा.