दरभंगा ब्लास्ट को लेकर लगातार नए खुलाने सामने आ रहे हैं. एनआईए जांच में सामने आया है कि पाकिस्तानी सेना और लश्कर के हाफिज सईद ने देश को दहलाने की साजिश रची थी. इसी साजिश के तहत बिहार के दरभंगा में ब्लास्ट हुए. एनआईए की स्पेशल पीपी (पब्लिक प्रोसीक्यूटर) छाया मिश्रा ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. एनआईए ने इस मामले में चार आतंकियों को रिमांड पर लिया है. पूछताछ में सामने आया है कि चारों एक ही परिवार से जुड़े हैं. हाफिज सईद ने इस काम का जिम्मा इकबाल काना को सौंपा था. बाद में इकबाल ने सलीम को यह काम सौंपा.
पूछताछ में पता चला कि सलीम कई बार पाकिस्तान जा चुका है. वहीं से इसने रसायनिक बम बनाने की ट्रेनिंग ली. सलीम ने इस काम के लिए नासिर और इमरान को चुना. नासिर भी पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर लौटा था. उसने पूछताछ में बताया कि उससे पाकिस्तान की सेना ने कहा था कि भारत में अरसे से कोई धमाका नहीं हुआ, कुछ बड़ा करो. भारत के कई हिस्सों में धमाके की तैयारी थी.
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आतंकियों ने किया था रसायनिक द्रव्य का स्टॉक
जांच में सामने आया कि इन आतंकियों ने कई जगह पर रसायनिक द्रव्य का स्टॉक किया था. एनआईए इसकी तलाश कर रही है. जांच में यह भी सामने आया कि पाकिस्तान से हवाला के जरिए बर्निंग ट्रेन बनाने के लिए 1 लाख 60 हजार रुपए आए थे. धमाके के बाद आतंकियों को पाकिस्तान से इनाम में करोड़ो रुपये मिलने थे. नासिर ने ट्रेन में इन रसायनों को रखने में गलती कर दी. उसने कागज के बदले हार्ड बोर्ड का पार्टीशन बनाया नही तो ब्लास्ट तेलंगाना में होता.
बताते चलें कि इसी मामले में हैदराबाद से गिरफ्तार हुए नासीर मलिक और इमरान मलिक को पटना में पेशी के बाद NIA ने कोर्ट से मिली सात दिनों के रिमांड अवधि के बीच अपने साथ दिल्ली ले गई. इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए NIA की विशेष लोक अभियोजक छाया मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार आतंकियों पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला दर्ज किया जाएगा और उसके तहत जांच के बाद कार्रवाई होगी. छाया मिश्रा ने कहा कि इन चारों आतंकियों द्वारा किए गए अपराध पाकिस्तान से कनेक्टेड है. वहां से टेरर फंडिंग की गई है, जिसके चलते गिरफ्तार आतंकवादियों पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस दर्ज किया जायेगा साथ ही इस मामले में ईडी की भी मदद ली जायेगी. इस मामले में UAPA ACT और रेलवे अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधान जोड़ा गया है.
HIGHLIGHTS
- दरभंगा में हुए धमाकों में रसायनिक द्रव्य का हुआ था इस्तेमाल
- धमाकों के लिए पाकिस्तान से आए थे 1.60 लाख रुपए
- एनआईए के साथ ईडी भी कर रही है मामले की जांच