वैसे तो पाकिस्तान (Pakistan) और उसके हुक्मरान इंटरनेशनल बेइज्जती झेलने के आदी हो गए हैं. आए दिन किसी न किसी मौके पर पाकिस्तान की बेइज्जती होती रही है, मगर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) हैं कि उन्हें शर्म ही नहीं आती. भारत के विरोध के नाम पर पाकिस्तान इस कदर बावला हो गया है कि आतंकवादियों और सामान्य नागरिकों में फर्क करना ही भूल गया है और इसी कारण पूरी दुनिया में हास्य का पात्र बन रहा है. ताजा मामला स्विटजरलैंड के शहर जेनेवा से आया है, जहां संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की 43वीं बैठक चल रही है. अंदर बैठक चल रही है और बाहर एक बड़ा सा बोर्ड सभी का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है. बोर्ड पर लिखा है- 'Pakistan Army epicenter of International Terrorism.'
यूं तो पूरी दुनिया में यह संदेश प्रसारित हो चुका है कि पाकिस्तान ही अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का स्रोत है. आतंकवादियों को फंडिंग को लेकर एफएटीएफ ने पाकिस्तान को पिछले कई माह से ग्रे लिस्ट में रखा था. अब एफएटीएफ ने पाकिस्तान को चार माह की मोहलत दी है. एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट के नाम से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के पसीने छूट जाते हैं.
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अमेरिका की यात्रा के दौरान इमरान खान ने डोनाल्ड ट्रंप ने से एफएटीएफ में छूट दिलाने की पैरवी की थी, लेकिन ट्रंप ने इस बात को तरजीह नहीं दी थी. उसके बाद पाकिस्तान चीन की शरण में चला गया और तुर्की की मदद से उसे चार माह की मोहलत मिल गई है. हालांकि यह मोहलत अस्थायी है और चार माह बाद भी पाकिस्तान नहीं सुधरा तो फिर से उस पर एफएटीएफ का कोड़ा चलेगा.
Source : News Nation Bureau