पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक कार्रवाई तेज कर दी है. आतंकवाद को पनाह देने पर पाकिस्तान की चौतरफा कड़ी निंदा हुई. भारत सहित अन्य कई देशों की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग के आगे पाकिस्तान को आखिरकार झुकना पड़ा. गुरुवार को पाकिस्तान सरकार ने आतंकी हाफिज सईद के दो संगठनों (जमात-उद-दावा, फलह-ए-इंसानियत) पर बैन लगा दिया. पाकिस्तान द्वारा आतंकी संगठनों पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद भारत के विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है. जनरल वीके सिंह ने कहा, 'यह उनपर (पाकिस्तान) बनाये गए दबाव का एक हिस्सा है. जिस तरीके से पाकिस्तान पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ा रहा है इसका निश्चित रूप से उन पर प्रभाव पड़ेगा.'
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद पाकिस्तान पर कार्रवाई करने को लेकर लगातार अंतरराष्ट्रीय दबाव बन रहा था. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में गुरुवार को हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया. इससे पहले पाकिस्तान ने दोनों संगठनों को निगरानी सूची में रखा था. जानकारी के मुताबिक, आतंकी हाफिज सईद के जेयूडी नेटवर्क में 300 मदरसे, स्कूल, अस्पताल, एक पब्लिकेशन और एम्बुलेंस सेवा शामिल है.
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बता दें कि पुलवामा हमले के बाद आतंकवाद के मुद्दे पर भारत, रूस, अफगानिस्तान, फ्रांस , अमेरिका सहित तमाम देशों ने पाकिस्तान की निंदा की थी. जम्मू -कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद 14 फरवरी को सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए जबकि कई घायल हो गए. पुलवामा जिले में आतंकी ने श्रीनगर-जम्मू हाई-वे पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी सीआरपीएफ की बस से टकराकर उसमें विस्फोट कर दिया. धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास जवानों के शव टुकड़ों में सड़क पर बिखेर गए. जैश ए मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था.
Source : News Nation Bureau