Pakistan: 76 साल बाद मिले करतारपुर साहिब में मिले भाई बहन, लोगों की आंखों में आंसू

Pakistan: पाकिस्तान के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों के परिवारवाले 76 साल पहले दंगे में अलग हो गए थे. इसके बाद  इन लोगों ने कई बार कोशिश की वो मिल जाए लेकिन कई तरह की परेशानी होती रही.

Pakistan: पाकिस्तान के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों के परिवारवाले 76 साल पहले दंगे में अलग हो गए थे. इसके बाद  इन लोगों ने कई बार कोशिश की वो मिल जाए लेकिन कई तरह की परेशानी होती रही.

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Vikash Gupta
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Kartarpur Corridor

Kartarpur Corridor ( Photo Credit : News Nation)

Pakistan: 76 साल बाद करतारपुर कॉरिडोर एक ऐतिहासिक पल का गवाह बना है. यहां पाकिस्तान के रहने वाले मोहम्मद इस्माइल और उनकी बहन सुरिंदर कौर भारत के जालंधर की रहने वाली है. दोनों सोशल मीडिया की मदद से 76 साल बाद मिले. जब ये मिले तो दोनों की आंखें भर आई थी. ये नजारा देख हर कोई वहां इमोशनल हो गया. जानकारी के अनुसार भारत और पाकिस्तान के विभाजन के वक्त दोनों के परिवार अलग हो गए थे. 

आंखों में एक ही सपना

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पाकिस्तान के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों के परिवारवाले 76 साल पहले दंगे में अलग हो गए थे. इसके बाद  इन लोगों ने कई बार कोशिश की वो मिल जाए लेकिन कई तरह की परेशानी होती रही. जानकारी के अनुसार मोहम्मद इस्माइल लाहौर से 200 किलोमीटर दूर साहीवाल में रहते हैं वहीं सुरिंदर कौर पंजाब के जालंधर में रहती है. दोनों की उम्र करीब 80 साल हो चुकी है. उन्होंने एक ही सपना देखा कि वो अपने परिवार से एक बार मिल सके और दोनों परिवार फिर से एक हो जाए. 

यूटयूबर ने की पोस्ट

दोनों करतारपुर साहिब के लोगों का धन्यवाद कर रहे हैं कि उन्होंने भाई बहन को मिलने की सुविधा की. इसके साथ ही करतारपुर प्रशासन ने मिठाई और लंगर के जरिए उनका स्वागत किया. दरअसल इस्माइल की कहानी को एक पाकिस्तानी यूटयूब चैनल ने पोस्ट की. इस पोस्ट को देखने के बाद ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले मिशन सिंह ने कॉन्टेक्ट किया और जानकारी दी कि वो इस्माइल के परिवार के बारे में जानते हैं.

फोन के जरिए संपर्क

इसके बाद फिर क्या था मोहम्मद इस्माइल ने फोन के जरिए सुरिंदर कौर को कॉन्टेक्ट किया. इसके बाद दोनों ने एक दूसरे को अपनी कहानी बताई. फिर दोनों ने करतारपुर साहिब में मिलने का फैसला किया. इसके बाद रविवार 22 अक्टूबर को दोनों भाई बहन 76 साल बाद मिले. आपको बता दे कि करतारपुर साहिब जानें के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती है. यहां 4 किलोमीटर तक बिना वीजा के जा सकते हैं.  

Source : News Nation Bureau

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