साइबर बदमाशों ने भारतीय सशस्त्र बल पर शुक्रवार देर रात साइबर हमला कर दिया. इस हमले के बाद ट्राइ-सर्विस साइबर विंग ने सभी रक्षा कर्मियों को अटैचमेंट्स के 'नोटिस' वाले ई-मेल नहीं खोलने को लेकर आपातकालीन चेतावनी जारी की है. भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर हो रहे साइबर हमलों के पीछे पाकिस्तान या चीन का हाथ है. पाकिस्तान तो भारतीय जवानों को फंसाने के लिए हनी ट्रैप तक का इस्तेमाल कर रहा है.
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भेजी जा रही फिशिंग ई-मेल्स
चेतावनी में कहा गया है, रक्षा कर्मियों को विशेष रूप से ईमेल आईडी पर विनायक डॉट 598 एट द रेट जीओवी डॉट इन से शीर्षक-'नोटिस' के साथ एक फिशिंग ई-मेल एक 'एचएनक्यू नोटिस फाइल डॉट एक्सएलएस डाउनलोड' नाम के हाईपरलिंक के साथ भेजा जा रहा है. चेतावनी ने यह भी कहा कि उपरोक्त विषय और लिंक वाले किसी भी ईमेल को सावधानी के साथ देखा जाना चाहिए.
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साइबर यूनिट्स हाई अलर्ट पर
चेतावनी के अनुसार, यह आने पर अपने मेल के इनबॉक्स में ना जाएं. इसकी रिपोर्ट करके इसे तुरंत डिलीट करें. भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर हो रहे साइबर हमलों के पीछे या तो पाकिस्तान है या चीन. अधिकारी ने कहा, "इस प्रकार के हमले पिछले कुछ समय से अधिक हो रहे हैं और हमारी साइबर यूनिट्स हाईअलर्ट पर हैं.
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गठित होगी अलग साइबर रक्षा एजेंसी
सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए एक उचित रक्षा साइबर एजेंसी रखने की भी योजना बनाई है, जिसका ध्यान सैन्य साइबर मुद्दों तक सीमित रहेगा. इसका काम चीन या पाकिस्तान जैसे देशों के विदेशी हैकरों के मौजूदा खतरे का मुकाबला करना होगा.
HIGHLIGHTS
- शुक्रवार देर रात साइबर बदमाशों का भारतीय सशस्त्र बल पर हमला.
- ट्राइ-सर्विस साइबर विंग ने सभी रक्षा कर्मियों चेतावनी जारी की है.
- साइबर हमलों के पीछे पाकिस्तान या चीन का हाथ है.
Source : News Nation Bureau