पाकिस्तान के गृह मंत्री इजाज शाह ने कहा कि उनका देश गुरद्वारा दरबार साहिब के लिए और अधिक आंगुतकों को आकर्षित करने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को बिना पासपोर्ट के करतारपुर गलियारे में प्रवेश देने के एक प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. पिछले साल नवंबर में पाकिस्तान और भारत ने अपनी-अपनी सीमा के अंदर इस गलियारे के हिस्सों का अलग-अलग उद्घाटन किया था. यह गलियारा भारतीय सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान में नारोवाल के करतापुर में पवित्र गुरद्वारा दरबार सिंह पहुंचने के लिए सबसे छोटा मार्ग उपलब्ध कराता है.
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करतारपुर साहिब में गुरुनानक देव ने अपने जीवन के आखिरी 18 साल गुजारे थे. गृह मंत्री ने शुक्रवार को नेशनल एसेंबली में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि फिलहाल, भारत और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते के तहत भारतीय श्रद्धालुओं को बिना पासपोर्ट के करतारपुर गलियारे में जाने की इजाजत नहीं है. उन्होंने कहा कि लेकिन और अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए उन्हें बिना पासपोर्ट के आने देने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है और जिसके लिए विदेश मंत्रालय से विस्तृत संबंधित सूचनाएं मांगी जा सकती है.ट
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इससे पहले पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान से करतारपुर गलियारे के लिए श्रद्धालुओं से सेवा शुल्क वसूलने पर पुन: विचार करने की अपील करते हुए कहा था कि यह गलियारा शांति और उम्मीद का प्रतीक है. अमरिंदर सिंह ने सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के हिस्से के तौर पर बर्मिंघम टॉउन हॉल में रविवार को आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट अनिवार्य करने के निर्णय पर भी फिर से सोचना चाहिए. उन्होंने कहा था कि ये सभी धार्मिक स्थल सभी समुदाय के हैं. हमें किसी को भी हमारी तरफ आने से नहीं रोकना चाहिए, चाहे यह अजमेर शरीफ हो या निजामुद्दीन की दरगाह. उन्होंने कहा कि हमारी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हमसे पैसे वसूलने का कारोबार जारी नहीं रहना चाहिए.
Source : News Nation Bureau